जमशेदपुर : सत्र 2024 – 2026 के स्नाकोत्तर के भूगोल विषय की पढ़ाई जमशेदपुर के मात्र एक महाविद्यालय जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में होती है , यहां पर हर वर्ष नामांकन के लिए तय सीट से दुगुना आवेदन आते है ।
इस वर्ष 262 छात्रों ने स्नाकोत्तर भूगोल में नामांकन के लिए आवेदन किया है और जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में दो मेधा सूची में 162 छात्रों का नाम प्रकाशित किया है और उसके बाद भी 17 सीट खाली रह गए है और अभी तक 100 छात्रों का मेधा सूची में सूचीबद्ध नही किया गया है नियमतः तृतीय मेधा सूची का प्रकाशन होना चाहिए ,लेकिन कोल्हान यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू एस सी दास जी ने एक नोटिफिकेशन कॉलेज को भेजा है जिसमे उन्होंने निर्देश दिया है की पहले आओ ,पहले पाओ के तर्ज पर 17 सीट भर दिए जाएं, इस निर्णय का हम लोग विरोध करते है और निम्न सवाल डीएसडब्ल्यू और यूनिवर्सिटी से पूछना चाहते है –
1 – महाविद्यालय प्रबंधन ने क्या नामांकन संबंधी कोई दिशा निर्देश मांगा था क्या ?
2 – जब 100 छात्रों को मेधा सूची में सूचीबद्ध किया ही नहीं गया है और तृतीय सूची का प्रकाशन नही किया गया है तो ‘ पहले आओ पहले पाओ’ किस तर्ज करने का निर्देश दिया गया है ?
3 – जिन छात्र नेताओं के बात पर यह कार्य किया गया है उनसे आपका संबंध और फिर किसी तरह की लेनदेन बाला समझौता तो नही हुआ है ?
4 इस तरह के नोटिफिकेशन की जानकारी प्रभारी कुलपति सह आयुक्त महोदय या कुलसचिव महोदय को है ?–
5-भूगोल स्नाकोत्तर विषय को अभी तक आपके द्वारा दूसरे किसी महाविद्यालय में खोलने का कोई प्रयास किया गया है क्या ?
कोल्हान अध्यक्ष हेमंत पाठक ने कहा – उम्र के साथ अपनी विवेक भी खो चुके है डीएसडब्ल्यू महोदय , यह स्पष्ट करना चाहिए की किसके दवाब में यह निर्णय लिया गया है , यह तो छात्रों को आपस में लड़वाने का साजिश है , एक साथ 100 छात्र महाविद्यालय परिसर में आ गए तो यहां पर लॉ एंड ऑर्डर संभाल पाना एवम कोन पहले आया यह तय कर पाना नामुमकिन है लेकिन उससे भी बड़ा सवाल है 100 छात्रों को बिना सूचीबद्ध किए पहले आओ पहले पाओ , इसका आधार क्या है ? यह बतलाना होगा , विश्वविद्यालय के द्वारा यह पहल होना चाहिए की पिछले वर्ष कितना नामांकन की स्वीकृति मिली थी उसी के तर्ज पर नामांकन लिया जाए लेकिन व्यक्तिगत स्वार्थ साधने की कोशिश की जा रही है , आजसू छात्र संघ को यह जानकारी है की सत्तासीन दल का छात्र संघ के द्वारा यह सब गलत कार्य करवाया जा रहा है और अगर ऐसा होता है तो डीएसडब्ल्यू और यूनिवर्सिटी को कोट घसीटने में भी देरी नही किया जाएगा और ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारियों का भी विरोध किया जाएगा।