जमशेदपुर : भारतीय जनतंत्र मोर्चा के संरक्षक सह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के प्रति जिस तरह से पिछले दिनों धनबाद में अपराधी प्रिंस खान के द्वारा ऑडियो वायरल कर, जिस तरह से अपशब्द का प्रयोग के साथ-साथ एक जनप्रतिनिधि को खुलेआम धमकी दिया जा रहा है इसकी सभ्य समाज, आम जनमानस एवं भारतीय लोकतंत्र में कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है, उक्त घटना का हम सभी घोर विरोध एवं निंदा करते हैं, साथ ही जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी, मुख्य चुनाव आयोग के साथ-साथ राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं देश के प्रधानमंत्री से यह मांग करते हैं कि उक्त घटना में संज्ञान लेते हुए अविलंब ऐसे असामाजिक प्रवृत्ति के लोगों को गिरफ्तार कर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल की सलाखों के पीछे भेजें, जिससे भविष्य में इस तरह के घटना घटित होने से बच सके एवं लोकतंत्र की रक्षा हो सके, अन्यथा यह गलत संदेश जाएगा जन समुदाय एवं आम जनमानस में!
घटना की आगे निंदा करते हुए भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय महासचिव एवं कोल्हान के प्रभारी संजीव आचार्य ने धनबाद के प्रिंस खान की धमकी को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि क्या इस देश में अब माफिया / गुंडे और असामाजिक तत्व तय करेंगे कि किसे चुनाव लड़ना है अथवा नहीं? प्रिंस खान की धमकी की गहन जांच पड़ताल सीबीआई अन्य किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से होनी चाहिए और धमकी देने वाले को मुंह तोड़ जवाब देते हुए उसके सही मुकाम पर भेजा जाना चाहिए। भारत देश में लोकतंत्र है, संविधान का राज है और देश के प्रत्येक नागरिक जिसने अपनी आयु 25 साल पूरी कर ली है वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव में लड़ने का अधिकार रखता है।
जो संस्थाएं इस चुनावी मौसम में अभी सामंतवाद और जातिवाद का आरोप लगा रही हैं, संस्थाएं से जुड़े लोग इनके आगे पीछे घूमते रहते थे।
यहां धनबाद प्रशासन पर सवाल खड़ा होता है, कि किस तरह से प्रिंस खान की इतनी हिम्मत हुई कि वह एक जनप्रतिनिधि को फोन पर धमका सके, ऑडियो वायरल कर सके। प्रशासन के हाथ किसने बांध रखे हैं और कौन प्रिंस खान का संरक्षक है? पर्दे के पीछे से कौन ऐसे गुंडा/ असामाजिक तत्वों का मॉनिटरिंग कर रहा है, इसे बेनकाब किया जाना चाहिए। उक्त: घटना की जल्द से जल्द उद्वेदन करते हुए दोषियों को कानूनी सजा दिलाना चाहिए एवं आगामी लोकसभा चुनाव में धनबाद के साथ-साथ पूरे झारखंड में लोकसभा चुनाव पारदर्शिता, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न हो सके इस पर मुख्य चुनाव आयोग, राज्य प्रशासन एवं सरकार को अपना दायित्व निभाना चाहिए।