जमशेदपुर : महाराणा प्रताप की जयंती भारतीय जन महासभा ने ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया (रविवार) को जमशेदपुर के मरीन ड्राइव स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर मनायी. संस्था के अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि महाराणा प्रताप की जयंती उनके वंशज पिछले 400 वर्षों से आज भी हिंदी तिथि के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को ही मनाते हैं।
कहा कि महाराणा प्रताप जी कभी भी जंगलों में नहीं रहे। 630 वर्ग मील भूमि सदैव उनके कब्जे में रही। घास की रोटी ना तो बनती है और ना उन्होंने कभी खाई। वे अपने कबीलों के लोगों के बीच रहकर फिकार नामक एक अनाज की रोटी अवश्य खाते थे। फिकार की खेती कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के कुछ गांवों में प्रारंभ हो गई है। जयंती मनाने वालों में श्री पोद्दार के अलावे इंद्र देव प्रसाद, प्रकाश मेहता, डा० राधे श्याम अग्रवाल, प्रमोद खीरवाल, मधु सिन्हा, कल्याणी पाठक, अचल पोद्दार, नभ्य पोद्दार (लिटिल) आदि के नाम सम्मिलित है।
इसके अलावे देश-विदेश के अनेक स्थानों पर जयंती मनाने वालों में ए. के. जिंदल, भरत सिंह, सुखेन मुखोपाध्याय, दुर्गा मुखोपाध्याय, मेघाश्री मुखोपाध्याय, बिदेह नंदिनी चौधरी, शालिनी सोंथालिया, नेमीं चंद अग्रवाल, सुरेश जैन, सुनील माथुर, प्रदीप राजगढ़िया, अरुण बुधिया, ललित पचीसिया, जय प्रकाश अग्रवाल, प्रेम मित्तल, नारायण माहेश्वरी, अरुण केजरीवाल, गोपाल अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल, कमल जैन, राम चंद्र पाठक, , अविनाश अग्रवाल, आशा श्रीवास्तव, निशा वाणी, अर्चना वर्मा, जयश्री शर्मा, अनीता यादव, लक्ष्मी गुंसाई, राधा सोनी, एस एन पांडेय, धर्मपाल सिंह टेलर, सुजीत कुमार, जसवंत मईडा, डॉ. अंकेश कुमार, वर्षा राय, जया शेषाद्री, पूनम कुमारी, अंजली कुमारी, सुनील कुमार, किरण कुमारी वर्तनी, नरेंद्र पुरोहित, अर्चना अग्रवाल, सीमा पांडेय, माधुरी कुमारी, पूनम ढलवानी एवं गुंजा ढलवानी, मोतीलाल शर्मा, सुनील खेतान, ओम प्रकाश गुप्ता आदि के नाम मुख्य रूप से सम्मिलित हैं. देश-विदेश के 14 शहरों के विभिन्न स्थानों पर कुल 58 लोगों ने महाराणा प्रताप जी की जयंती मनायी है।