जमशेदपुर। झारखंड की झामुमो-कांग्रेस और राजद गठबंधन सरकार की युवाओं से वादाखिलाफी, संपोषित भ्रष्टाचार, खनिज सम्पदाओं की लूट, ट्रासंफर-पोस्टिंग, महिला उत्पीड़न, बढ़ते अपराध, बदहाल स्वास्थ्य सुविधा एवं पार्टी के तीन विधायकों के ऊपर की गई विद्वेषपूर्ण कार्रवाई के विरोध में भाजपा सड़क पर उतर पर आई है। गुरुवार को भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव के नेतृत्व में हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने साकची स्थित जिला भाजपा कार्यालय से उपायुक्त कार्यालय तक पैदल मार्च कर सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शन कर विरोध दर्ज किया। इस दौरान भारी संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पार्टी की ओर से जिला उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि हेमंत सरकार की 4 वर्षों की नाकामियों, वादाखिलाफी ने आम जनता, युवा, महिला, किसान, दलित, आदिवासी सभी वर्गों को आंदोलन के लिए मजबूर किया है। राज्य की जनता न सिर्फ सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का संकट झेल रही बल्कि भय और आतंक में भी दिन व्यतीत कर रही है। पूरे प्रदेश में आए दिन हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार, चोरी, डकैती की घटनाएं अखबारों की सुर्खियां बनी हुई है। अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ा है कि वे जेल में भी हत्या करने में सफल हो रहे हैं। सरकार व्यापारियों को मांगने पर भी सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा रही और उनकी हत्या हो जा रही। जिसमें पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी संवैधानिक मर्यादाओं को ठेंगा दिखा दिया है। ईडी द्वारा उनसे पूछताछ के लिए छः समन भेजा जा चुका है लेकिन वे पूछताछ से लगातार भाग रहे हैं। उनके द्वारा जांच एजेंसियों के खिलाफ रोज-रोज दिए जा रहे बयानों ने संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार किया है। ज्ञापन में बताया गया कि राज्य का मुख्यमंत्री ही जब कानून का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन करने लग जाए तो फिर आम जनता से कानून पालन करने की उम्मीद यह सरकार कैसे कर सकती है।
मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि राज्य के इतिहास में अब तक इतनी नाकारा, झूठी, अराजक और भ्रष्ट सरकार किसी ने नहीं देखी। पूरे प्रदेश में बढ़ते अपराध, गिरती स्वास्थ्य सुविधा और युवाओं से वादाखिलाफी पर जनता में भारी आक्रोश व्याप्त है। आज झारखंड का युवा खुदको सबसे अधिक ठगा हुआ महसूस कर रहा है। सरकार के बयानवीर मुख्यमंत्री और मंत्री की कार्यशैली से युवा हताश और निराश है। चार साल की अकर्मण्यता से लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो गया है। गुंजन यादव ने कहा कि चुल्हा खर्चा दो हजार प्रतिमाह, साल में 5 लाख बेरोजगारों को नौकरी एवं 5 हजार बेरोजगारी भत्ता, तीन बीएचके फ्लैट देने का वादा, 3 लाख रूपये का आवास देने जैसे बड़े वादे सिर्फ चुनावी मंचो तक सिमट कर रह गए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिशाहीन नेतृत्व से पूरे प्रदेश में अराजकता और भय का माहौल है। इस झूठी, मक्कार और भ्रष्टाचारी सरकार से जब युवा सड़क पर उतरकर रोजगार की मांग करते हैं तो दमनकारी नीति के तहत उनकी आवाज को गोली-बंदूक, लाठियों और मुकदमे के बल पर दबाने की कोशिश की जाती है। जब सदन में मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, उप मुख्य सचेतक जेपी पटेल एवं विधायक भानु प्रताप साही जनहित के मुद्दे और युवाओं के हितों की अनदेखी पर सरकार से सवाल करते हैं तो उन्हें बलपूर्वक सदन से बाहर कर पूरे सत्र से निलंबित करने का फ़रमान सुना दिया जाता है। उन्होंने कहा कि खान, खनिज, बालू, पत्थर, जमीन की लूट के साथ अब तो आजाद भारत के सबसे बड़े कैश कांड का गवाह झारखंड बन गया है। सत्ताधारी हेमंत सोरेन सरकार के कारनामों ने झारखंड को कलंकित और पूरे देश में शर्मशार किया है। ऐसे अक्षम मुख्यमंत्री को कुर्सी पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नही है।
गुंजन यादव ने स्वास्थ्य मंत्री सह जमशेदपुर पश्चिम के विधायक बन्ना गुप्ता पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जनता से सिर्फ झूठे वादों का खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले जमशेदपुर सहित पूरे झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं ने दम तोड़ दिया है। आज अस्पतालों की दुर्दशा देखने का किसी सत्ताधारी नेताओं के पास समय नहीं है। गुंजन यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राज्य के इन हालातों पर लगातार सजग प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है। जनता की भावनाओं और समस्याओं को पार्टी सड़क से सदन तक उजागर कर रही है। उन्होंने बताया कि महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर राज्य हित में उपर्युक्त परिस्थितियों के आलोक में अविलंब विधि सम्मत कार्रवाई करने एवं भ्रष्ट, निकम्मी अलोकतांत्रिक सरकार को बर्खास्त करने की मांग की गई।
आक्रोश प्रदर्शन के दौरान प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा, ब्रह्मदेव नारायण शर्मा, देवेंद्र सिंह, अभय सिंह, रामबाबू तिवारी, बिनोद सिंह, चंद्रशेखर मिश्रा, राजकुमार श्रीवास्तव, दिनेश कुमार, संजीव कुमार, नीरज सिंह, विकास सिंह, डॉ राजीव, मिथिलेश सिंह यादव, अनिल सिंह, मनोज सिंह, राजन सिंह, प्रदीप महतो, संजीव सिन्हा, बबुआ सिंह, राकेश सिंह, अनिल मोदी, मंजीत सिंह, पप्पू सिंह, नीलू मछुआ, मनोज राम, राजीव सिंह, बोलटू सरकार, भूपेंद्र सिंह, पवन अग्रवाल, अप्पा राव, सतवीर सिंह सोमू, मोचीराम बाउरी, बीनानंद सिरका, अजीत कालिंदी, निसार अहमद, ज्ञान प्रकाश, मणि मोहंती, सुरेश शर्मा, संतोष ठाकुर, बबलू गोप, हेमंत सिंह, दीपक झा, राजेश सिंह, प्रशांत पोद्दार, बजरंगी पांडेय, बिनोद राय, अमरेंद्र पासवान, संजय सिंह, संदीप शर्मा बौबी, चंचल चक्रवर्ती, पवन सिंह, त्रिदेव चट्टराज, दीपक पाल, सुदीप डे, शांतनु मुखर्जी, प्रधान महतो, निशांत कुमार, बिमल बैठा, अमिताभ सेनापति, चंदन चौबे, प्रकाश दुबे, सुमित श्रीवास्तव, अभिषेक श्रीवास्तव, मिथिलेश साव, दिलीप पासवान समेत हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे।