जमशेदपुर : गांधी मैदान मानगो में सोमवार को देर रात तक भक्ति की धारा बहती रही और ‘श्रोता एक से बढ़ कर एक भक्तिगीतों पर झूमते रहे. भजन संध्या में लोक गायक -गायिकाओं ने अपनी प्रस्तुति से समा बांध दिया. भक्तमय माहौल के बीच सिर पर जटा जड़े और गोरुआ वस्त्र धारण किये मंच से गायिका शहनाज अख्तर ने श्रीराम को पुकारा, भगवा रंग में रंग लिया चोला/ हम भी राम पुजारी/ हम भगवाधारी. जैसे गीतों से श्रोताओं से रू-ब-रू हो रही थीं, उन्हें नाचने-गाने के लिए आमंत्रित कर रही थीं. श्रोताओं ने भी उनका खूब साथ दिया. जंग हो या इश्क भरपूर होना चाहिए. इससे पहले गायिका देवी ने शायरी के साथ महफिल का आगाज किया..कहा- फैसला जो भी हो मंजूर होना चाहिए/ जंग हो या इश्क भरपूर होना चाहिए. उनके इस अंदाज पर श्रोता मुग्ध हो गये. उन्होंने जोड़े-जोड़े नारियल गीत से शुरुआत की और महफिल आगे बढ़ती रही. वह एक बार खुद गाती और अगली बार श्रोताओं की तरफ माइक करती. श्रोताओं के साथ उनका यह संवाद अंत तक बना रहा. नीमिया के डारी मैया गीत शुरू होते-होते रिकॉर्डिंग के लिए श्रोताओं के मोबाइल खुल चुके थे. देवी ने फिर शेर पढ़ा, शाम भी खास है/ वक्त भी खास है. मुझको अहसास है/ तुमको अहसास है। इससे ज्यादा मुझे क्या चाहिए/ तू मेरे साथ है. मैं तेरे साथ हूं. इसके साथ ही उन्होंने भोलेदानी को याद किया, सजन कांवर उठाके आ जैयो।
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