JAMSHEDPUR : झारखंड के शैक्षणिक नक्शे पर तेजी से उभरता नाम श्रीनाथ यूनिवर्सिटी, न सिर्फ तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में बल्कि पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में भी नई ऊँचाइयों को छू रहा है। हाल ही में, विश्वविद्यालय को झारखंड की शीर्ष 3 बेहतरीन उभरती निजी विश्वविद्यालयों में स्थान मिला है, जो इसकी गुणवत्ता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
पत्रकारिता और जनसंचार विभाग यहां की सबसे चर्चित और आकर्षक विभागों में से एक है। यह विभाग छात्रों को मीडिया के हर पहलू में व्यावहारिक और अकादमिक दृष्टि से तैयार कर रहा है।
बीएजेएमसी (बैचलर ऑफ आर्ट्स इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) कार्यक्रम युवा विद्यार्थियों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल, सोशल मीडिया, पब्लिक रिलेशन, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन और न्यू मीडिया के लिए तैयार करता है। इस कोर्स में समाचार लेखन, रिपोर्टिंग, फोटोजर्नलिज्म, एंकरिंग, प्रोडक्शन, एडिटिंग जैसे व्यावहारिक प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जाता है।
इसके साथ ही एमएजेएमसी (मास्टर ऑफ आर्ट्स इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) उन विद्यार्थियों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो मीडिया के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं। इस पाठ्यक्रम में मीडिया रिसर्च, एडवांस्ड प्रोडक्शन टेकनीक, पब्लिक रिलेशन्स, एडवरटाइजिंग और कंटेंट डेवलपमेंट पर गहन प्रशिक्षण दिया जाता है।
जमशेदपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय पीएचडी इन मास कम्युनिकेशन और रिसर्च की दुनिया में कदम रखने वाले विद्यार्थियों के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यहां के रिसर्च गाइड्स और संसाधन, शोधार्थियों को समाज और मीडिया के बीच के जटिल रिश्तों को समझने और नई दृष्टि से प्रस्तुत करने में सहायता करते हैं।
श्रीनाथ यूनिवर्सिटी का पत्रकारिता और जनसंचार विभाग अत्याधुनिक स्टूडियो, डिजिटल न्यूजरूम, मल्टीमीडिया लैब और अनुभवी फैकल्टी के साथ छात्रों को व्यावसायिक दुनिया के लिए तैयार करता है। विभाग के नियमित इंडस्ट्रियल विज़िट, वर्कशॉप्स, सेमिनार और इंटर्नशिप के अवसर छात्रों को वास्तविक अनुभव प्रदान करते हैं। तेजी से बदलते मीडिया लैंडस्केप में, श्रीनाथ यूनिवर्सिटी का यह विभाग झारखंड और पूर्वी भारत के युवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।
श्रीनाथ यूनिवर्सिटी का पत्रकारिता और जनसंचार विभाग केवल शिक्षा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार, संवेदनशील और क्रिएटिव मीडिया प्रोफेशनल तैयार कर रहा है। यही कारण है कि आज यह विभाग न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बना रहा है।
