ब्रह्म अस्त्र तेहि साधा कपि मन कीन्ह बिचार।
जौं न ब्रह्मसर मानउं महिमा मिटइ अपार॥
मैं जानता और समझता हूँ की एक राजनीतिक महत्वकांशा पाले गलत मंशा वाले व्यक्ति के कारण, अनावश्यक हीं एक राष्ट्रीय पार्टी से संबद्ध बहुत ही बड़े स्तर के नेता की बेवजह बदनामी होगी. उनके प्रति मेरा भी आदर और सम्मान भाव है. मैं नहीं चाहता की अनावश्यक उनकी मान प्रतिष्ठा धूमिल हो.
मामले में सक्षम न्यायालय में अपील दायर करूँगा, एवं न्याय और मार्गदर्शन मिलने तक पूजा आयोजन नहीं करने की घोषणा करता हूँ. विधि व्यवस्था बाधित नहीं हो, इसका पक्षधर हूँ. थाना/प्रशासन जिस दबाव में काम कर रही है, उस राजनीति को समझता हूँ और सम्मान करता हूँ. यह भी समझता हूँ की पंचायत चुनाव में जिनकी सियासी जमीन खिसक गई, उनको अब पैत्रिक जमीन की याद आ गई।….. खैर, शुभकामनाएँ.
थाना/प्रशासन एवं पूजा में अवरोध करने वाले लोगों को शुभकामनाएँ. प्रभु श्रीराम सद्बुद्धि दें। सभी की अच्छी मनोकामनाओं की पूर्ति हो।