जमशेदपुर : कोल्हान की राजनीति में 90 के दशक में बिहारी के ख़िलाफ़ आंदोलन करके ख़ुद को झारखंड टाइगर नाम दिलवाने वाले आज बिहारी के दम पर बने झारखंड में भाजपा उसी टाइगर को अपना सिरमौर बना बैठी है । एक बार भी पुराने नेता का त्याग याद नहीं आया भाजपा को जो अपने दम पर कोल्हान में भाजपा का नींव जमा पाए और विधानसभा और लोकसभा दोनों में परचम लहराया। आज वही पुराने नेता उस नेता का झंडा उठाएगे जिसका विरोध करके उन्होंने भाजपा को कोल्हान में मज़बूत बनाया था और हर तरीक़े का शोषण सहा था । पहले लोकसभा और अब विधानसभा चुनाव में दूसरे दल से उम्मीदवार लाकर लम्बे अरसे से भाजपा से टिकट की उम्मीद लगाए कार्यकर्ता ख़ुद को ठगा महसूस कर रहे है और कार्यकर्ता के मन में ये भी आ रहा है कि भाजपा से चुनाव लड़ना है तो कांग्रेस और जेएमएम की राजनीति करनी होगी तब ही टिकट भाजपा देगी. आज पूरा बिहारी समाज ख़ुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है और चंपई का विरोध करता है।
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