जमशेदपुर : जमशेदपुर के सबसे पिछड़े इलाकों के करीब 10 हजार लोगों के लिए आरंभ की गई पेयजल परियोजना का कार्य भाजपा जमशेदपुर के महानगर अध्यक्ष ने दबंगई दिखाकर कार्य रोकवा दिया। मेरी डेढ़ साल की कड़ी मेहनत और प्रयास के बाद यह योजना स्वीकृत हुई है और टाटा स्टील से भूईयांडीह, बाबूडीह, छाईबस्ती, लालभट्ठा के पिछड़े इलाकों के लोगों के लिए कंपनी ने आवश्यक निधि भी स्वीकृत कर दिया है। योजना स्थल के चाहरदिवारी का काम भी शुरू हो गया है। परन्तु अचानक कल खबर आई कि भाजपा के जमशेदपुर जिलाध्यक्ष ने योजना स्थल पर जाकर काम कर रहे मजदूरों के साथ मारपीट किया और उन्हें वहाँ से भगा दिया।
विदित हो कि जिस भूखंड पर इस पेयजल परियोजना के लिए आवश्यक संयंत्रों को स्थापित करने का काम शुरू हुआ वहां पर एक तरफ पूजा स्थल है और बाकी मैदान है। उक्त मैदान में ट्रकों, टेªलरों के मालिक अपना वाहन खड़ा करते है और कुछ लोग उनसे पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने के एवज में पैसे की वसूली करते है। जहाँ तक पूजा स्थल की बात है तो टाटा स्टील के अधिकारियों ने भी कहा है कि वहाँ के निवासी जो स्थान चाहते है, वह स्थान पूजा स्थल के लिए छोड़ दिया जायेगा। इस पर पूजा समिति के लोग भी सहमत है। परन्तु जिन लोगों का निहित स्वार्थ वहां पार्किंग किये जाने वाले भारी वाहनों से वसूली करने में है, उनके स्वार्थ पर पंहुचनेवाली चोट के पक्ष में खड़े होकर काम रोकवा देना भाजपा की कार्य – संस्कृति के अनुकूल कैसे हो गयी, उसका जवाब जनता चाहती है।
अभी योजना पर काम शुरू हुआ है। एक वर्ष के भीतर पानी साफ करने का संयंत्र यहाँ खड़ा हो जायेगा और वहाँ से घरों तक पेयजल पंहुचने का काम पूरा हो जायेगा। परन्तु ऐसा लगता है कि जो लोग पिछले 25 वर्षों से ऐसे पिछड़े इलाकों में पीने का पानी तक नहीं दे पाये हैं, उनके लिए यह परियोजना स्वीकृत हो जाना, निधि का आवंटन हो जाना और त्वरित गति से काम शुरू हो जाना सदमे जैसा है, उन्हें ये पच नहीं रहा है। इसलिए वे चाहते है कि इस योजना के क्रियान्वयन में विलंब हो। अभी गर्मी का मौसम है और जिन क्षेत्रों में पानी नहीं है, वहां हमलोग टैंकरों से पानी की व्यवस्था करवा रहे है। इस समय पीने के पानी की कठिनाई आसानी से समझा जा सकती है। परंतु जो लोग निहित स्वार्थी तत्वों के पक्ष में है, उनको जनता की इस कठिनाई से लगता है कि कोई लेना-देना नहीं है।
जमशेदपुर महानगर जिला भाजपा के अध्यक्ष के बारे में कहा जाता है कि वे जमशेदपुर के निवासी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का इशारा हुए बिना खाँसते-छींकते भी नहीं है। उनके द्वारा पेयजल परियोजना का काम दबंगई दिखाकर रूकवाने के पीछे भी ऐसा संकेत हो सकता है। मैं इस बारे में भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं से भी बात करूंगा और कहुंगा कि यदि जनहित के काम में अडं़गा डालना भाजपा के जिला अध्यक्ष का आचरण हो गया है तो इस बारे में हमारे जैसे लोग और जमशेदपुर की जनता क्या समझ बनायेगी, यह प्रदेश के नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए। ऐसा लगता है कि जनहित के काम में अडंगा डालना, हिन्दु हितों के कार्यों में व्यवधान डालना भारतीय जनता पार्टी के जमशेदपुर जिला इकाई के पदाधिकारियों का मुख्य काम हो गया है।
मैं आज शाम इन बस्तियों का भ्रमण करूंगा और लोगों से वार्तालाप कर उन्हें आश्वस्त करूंगा कि जितनी जल्दी हो सके योजना का काम मैं शुरू करवांउगा। लोकतंत्र में हर तरह की समस्या का समाधान संवाद के माध्यम से करना श्रेयस्कर होता है। यदि भाजपा के जमशेदपुर महानगर जिलाध्यक्ष को कोई समस्या थी तो भले ही वे मुझसे नहीं संवाद करते, परंतु टाटा स्टील पेयजल विभाग के अधिकारियों और जिला प्रसाशन के अधिकारियों से इस विषय पर संवाद स्थापित कर ही सकते थे। परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया और सीधे योजना-स्थल पर जाकर दबंगई दिखाकर, मारपीट और ढ़ेला-पत्थर चलवाकर उन्होंने कार्यरत मजदूरों को भगा दिया और काम बन्द करा दिया। मेरे लिये यह अत्यंत घोर आश्चर्य और दुख की बात है।