जमशेदपुर : अखिलेश सिंह और उसके सहयोगी विक्रम शर्मा साक्ष्य के अभाव में बरी हो गया. दोनों के खिलाफ पुलिस से कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी. इस मामले में अलग से अखिलेश सिंह और विक्रम शर्मा के खिलाफ केस चल रहा था. जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे वन संजय कुमार उपाध्याय की अदालत ने उन दोनों को बरी कर दिया. इस मामले में इससे पहले मनोरंजन उर्फ लल्लू और जसपाल नामक व्यक्ति को सजा सुनाई गई थी जिसको बाद में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया. लल्लू को कोर्ट ने माना कि वह माइनर है जिस कारण उसकी सजा माफ कर दी गई. गैंगस्टर अखिलेश सिंह और विक्रम शर्मा की ओर से अधिवक्ता प्रकाश झा ने केस की पैरवी की थी. आपको बताते चले कि बाग-ए-जमशेद के पास टाटा स्टील के सुरक्षा पदाधिकारी जयराम सिंह की हत्या जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र में 4 अक्टूबर 2008 को गोली मारकर कर दी गयी थी. घटना के बाद जयराम के बेटे के बयान पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. दुर्गापूजा के दौरान 4 अक्टूबर को जयराम सिंह अपनी पोती के साथ जुबली पार्क से मॉर्निंग वॉक कर बाग-ए-जमशेद के पास से घर की तरफ जा रहे थे. इस बीच मोटरसाईकिल पर सवार अपराधियों उन्हें गोली मारकर फरार हो गये थे. घटना के बाद उन्हें गंभीर हालत में इलाज के लिये टीएमएच में भर्ती कराया गया था. यहां पर इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गयी थी।
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