लेखक सुभाष शाह
बिन पेन्दी लोटा, लात के गेंद समान ।
लात के ठोकर से लुढ़कता । लूढकता जाय।
लात का गेंद -एक खिलौना- अति प्यारा,
अति विकसित देशों का।
ट्रंप के, लात के ठोकर से ,
लात- गेंद, विश्व मैदान में लुढ़कता जाय।
खेलाड़ी रूस, चीन, जपान ब्रिटेन फ्रांस, जर्मनी ईटाली खड़े इंतजार में, कब आये मेरे पैरो मे ?
जब तक खेल, लात के दुलारे ।
खेल खत्म हो, तबा ने हाथक दुलारे।
जिसका पेंदी- भारी भरकम ठोस का ।
वह लोहे का गोला सामान ।
कौन मारेगा ठोकर लात का ?
उसको भी पैर सलामत चाहिए ।