BREAKING : झामुमो के लोकसभा प्रत्याशी समीर मोहंती पलटे… समीर मोहंती ने कहा शिकायत पत्र उनका नहीं.. फर्जी लेटर हेड और मुहर तैयार कर किया गया फर्जीवाड़ा…
जमशेदपुर : जमशेदपुर लोकसभा से झामुमो प्रत्याशी समीर मोहंती द्वारा कांग्रेस के जमशेदपुर जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पर 25 लाख रुपये लेकर खा लेने का लगाये गये आरोप और पत्र के मामले में नया मोड़ आ गया है. समीर मोहंती ने कहा है कि उनके लेटर हेड और मुहर और हस्ताक्षर का फर्जी तौर पर इस्तेमाल किया गया है. समीर मोहंती अपने बयान से पलट गये है और कहा है कि उनके पत्र का गलत इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने यह पत्र नहीं लिखा है. यह फर्जी पत्र है. उन्होंने एक चैनल से बातचीत करते हुए कहा है कि हो सकता है कि कांग्रेस की आंतिरक राजनीति का ही यह हिस्सा होगा. लेकिन उन्होंने यह पत्र नहीं लिखा है. उन्होंने कहा है कि इस पत्र से उनका कोई लेना देना नहीं है. दूसरी ओर, 25 लाख रुपये कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को देना और 6 हजार रुपये प्रत्येक बूथ के लिए पैसे देने की बात पत्र में लिखा गया है. ऐसे में जमशेदपुर लोकसभा सीट में 1885 मतदान केंद्र है।
6 हजार रुपये प्रति बूथ की अगर बात की जाये तो 1885 मतदान केंद्र मिलाकर कुल 1.13 करोड़ रुपये खर्च होता है, जो चुनाव आयोग के गाइडलाइन का उल्लंघन है. ऐसे में 95 लाख रुपये खर्च ही समीर मोहंती को करना था तो फिर वे 1.13 करोड़ रुपये कैसे खर्च कर दिये. इसके बाद से यह सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद समीर मोहंती ने अपना बयान बदल दिया है और कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र नहीं लिखा है. वैसे अब तक समीर मोहंती की ओर से कोई थाना में फर्जी लेटर बनाने की कोई शिकायत तक नहीं की है. वहीं, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे रांची तलब कर लिये गये है।
रांची के कांग्रेस मुख्यालय में वे प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के पास अपना पक्ष रख रहे है. वहीं, संवाददाता सम्मेलन कर समीर मोहंती ने कहा है कि वे इस मामले की जांच की मांग करते है और यह भी मांग करते है कि इस मामले के दोषियों पर कार्रवाई की जाये. गौरतलब है कि झामुमो प्रत्याशी समीर मोहंती का एक पत्र लिखने की बातें सामने आयी, जिसमें उनका लेटर हेड है और उनका मुहर भी है. लेटर हेड और मुहर लगे पत्र में लिखा गया है कि 25 लाख रुपये आनंद बिहारी दुबे को दी गयी थी. 6 हजार रुपये प्रति बूथ पैसे दिये गये थे, लेकिन 4 हजार रुपये प्रति बूथ ही दिये गये और कई बूथों पर आदमी को बैठाया भी नहीं गया. इसके बाद राजनीतिक भूचाल आ गयी।