जमशेदपुर : चौका के तुलग्राम जंगल से निकल चांडिल में घूम रहा बाघ बुधवार रात भी बीच सड़क पर आ गया। रात करीब आठ बजे नारगाडीह (दुनदुड़ी) में बाघ को देख वहां से गुजर रहा वैन चालक अरुण कर्मकार सहम गया। वैन को पीछे कर भाग निकला।
रूदिया निवासी मैजिक वैन चालक अरुण कर्मकार नारगाडीह-चालकबेड़ा मार्ग से वैन लेकर अकेला घर लौट रहा था। रांची-टाटा हाइवे से करीब दो किमी दूर नारगाडीह (दुनदुड़ी) के पास रात्रि आठ बजे पहुंचा था कि सड़क पर सामने बाघ आ गया। यह देख वह वैन पीछे कर भाग निकला। गांव वालों को एकत्रित कर जानकारी दी। अरुण नेे बताया कि दो दिन पहले भी उसके घरवालों ने रात्रि में बाघ की आवाज सुनी थी। घटना के बाद अरुण डरा हुआ है।
उसने वन विभाग को जानकारी दे दी है। नारगाडीह के पास बाघ के आने की खबर मिलने के बाद गांव के लोग भी दहशत में हैं। गौरतलब हो कि चांडिल गोलचक्कर के पास मंगलवार रात बाघ दिखने के दूसरे दिन बुधवार को वैन चालक अरुण कर्मकार को नारगाडीह में दिखा।
चौका के तुलग्राम जंगल से निकल चांडिल में घूम रहा बाघ लातेहार के बेतला अभ्यारण का है। वह भटक कर आ गया है। सूत्रों की मानें तो ओडिशा व प. बंगाल के सुंदरवन में मौजूद बाघ में चिप लगा होता है, जिससे उसकी संख्या एवं गतिविधि की जानकारी विभाग को मिलती रहती है। वहीं, चांडिल में भटक रहे बाघ में कोई चिप नहीं लगा है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ बेतला अभ्यारण से ही भटक कर चांडिल आ गया है। ग्रामीणों का कहना है विभाग को इसकी जांच करनी चाहिए।
बाघ द्वारा मंगलवार रात चांडिल गोलचक्कर के पास रूदिया-दौड़दा मार्ग पर सूमो सवार पर हमला किये जाने के दूसरे दिन बुधवार को वन विभाग की टीम घटनास्थल पहुंची। टीम ने मामले की जानकारी ली। वहां के लोगों से भी पूछताछ की, पर खास कुछ पता नहीं चला। बाघ के हमले में सूमो सवार बाल-बाल बच गये थे। इधर, बाघ द्वारा हमला किये जाने से चैनपुर गांव के लोग पास के जंगल में नहीं गये। शाम ढलने के बाद अपने-अपने घरों में ही रहना मुनासिब समझा।