जमशेदपुर : कदमा थाना क्षेत्र में वर्ष 2021 में हुए जघन्य हत्याकांड में आरोपी दीपक कुमार को फांसी की सजा बरकरार रखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को सही ठहराया है। टाटा स्टील के फायर ब्रिगेड में कार्यरत दीपक कुमार ने अपनी पत्नी, दो बेटियों और ट्यूशन टीचर की नृशंस हत्या कर सनसनी फैला दी थी. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस रंजन मुखोपाध्याय और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने दीपक द्वारा निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद यह ऐतिहासिक निर्णय सुनाया।
12 अप्रैल 2021 को कदमा के क्वार्टर में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने समय रहते हर पहलू की गहराई से जांच की और आरोपी को गिरफ्तार किया। दीपक ने “पाताल लोक” वेबसीरीज के “हथौड़ा त्यागी” और “असुर” जैसे शो से प्रेरित होकर वारदात को अंजाम दिया था। उसने हथौड़े से अपनी पत्नी, बेटियों और बाद में पहुंची ट्यूशन टीचर की हत्या की थी। ट्यूशन टीचर का यौन शोषण करने के बाद उसने शवों को पलंग में छुपा दिया. घटना के बाद भी आरोपी ने रोशन नामक दोस्त और उसके परिजनों पर भी हमला करने की कोशिश की, लेकिन उनकी सूझबूझ से वे जान बचाकर भाग निकले और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
जमशेदपुर पुलिस की सजगता, त्वरित कार्रवाई और साक्ष्य संकलन के चलते न केवल आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया गया, बल्कि अदालत में इतने सटीक तरीके से मामला प्रस्तुत किया गया कि उच्च न्यायालय ने भी सजा को उचित ठहराया. यह मामला पुलिस की तत्परता, तकनीकी जांच और न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता का एक मिसाल बन गया है।


















