जमशेदपुर : सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के मानस सभागार में साहित्य समिति के उपाध्यक्ष सह नगर के वरीय साहित्यकार श्री सुरेश चन्द्र झा की प्रथम काव्य संकलन ” यादों के शहर” एवं इनकी दौहित्री सुश्री नायला तिवारी की बाल कथा ” Lost At The Sea ” का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र मुनका ने किया. इस अवसर पर सम्मानित अतिथि द्वय डाॅ० रागिनी भूषण तथा डाॅ० त्रिपुरा झा मंचासीन रहीं. जबकि कार्यक्रम का संचालन साहित्य समिति की सुश्री पूनम महानंद ने की. दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई. सरस्वती वंदना।नीलाम्बर चौधरी ने प्रस्तुत किया. स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव प्रसेनजित तिवारी ने दिया. लोकार्पित पुस्तक ” यादों के शहर ” पर पाठकीय प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री दिव्येन्दु त्रिपाठी ने कहा कि ‘यादों का शहर ‘ अतीत के माध्यम से वर्तमान की समीक्षा का प्रयास है। इसकी कविताएँ में मानव के वैयक्तिक जीवन के साथ -साथ सामाजिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक यथार्थ को चित्रित करती हैं।
जबकि ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र ने ” LOST At THE SEA ” पर बोलते हुए कहा कि ‘लास्ट एट द सी ‘ एक उत्तम रचनात्मक प्रयास है। इसका कथानक बहुत ही रोचक है। इसमें बहुत ही प्रेरणादायक उक्तियाँ शामिल हुई हैं. इसके बाद रचनाकार श्री सुरेश चन्द्र झा का परिचय माधवी उपाध्याय एवं नायला तिवारी का परिचय डाॅ० वीणा पाण्डेय ‘भारती’ ने प्रस्तुत किया. तत्पश्चात् डाॅ० यमुना तिवारी व्यथित ने दोनों रचनाकारों का काव्यात्मक परिचय प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन राजेन्द्र साह ‘राज’ द्वारा दी गई।
इस अवसर पर मुख्य रुप से संस्थान के उपाध्यक्ष राम नन्दन प्रसाद, कार्यक्रम संयोजक डाॅ० अजय कुमार ओझा, नीलिमा पाण्डेय, डाॅ० यमुना तिवारी व्यथित, वीणा पाण्डेय भारती, माधवी उपाध्याय, उपासना सिन्हा, प्रकाश मेहता, ममता कर्ण, दिव्येन्दु त्रिपाठी, वसंत जमशेदपुरी, कैलाश नाथ शर्मा “गाजीपुरी”, राजेन्द्र सिंह, डाॅ० उदय प्रताप हयात, गिरीश चन्द्र झा, अशोक कुमार झा, उषा झा, हरिहर राय चौहान, शिव नन्दन सिंह, पूनम शर्मा स्नेहिल, विजय लक्ष्मी वेदुला, नीलाम्बर चौधरी, प्रियंका झा, यू.एस .सिन्हा, संदीप वर्मा,वीणा कुमारी नंदिनी, चंदा कुमारी, रीना गुप्ता, पुष्पा झा, सूर्य प्रताप सिंह, संजय कु. मिश्र, पूर्व कमिश्नर एवं सामाजिक कार्यकर्ता विजय सिंह सहित शताधिक साहित्यकारों की उपस्थिति रही।