जमशेदपुर। तमिलनाडु में बिहार-झारखंड के मजदूरों के साथ हो रही दुर्व्यवहार और मारपीट के वीडियो वायरल होने के बाद बिहार के साथ-साथ झारखंड के भी मजदूर लगातार अपने राज्य वापस लौट रहे हैं। तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर कथित हमलों के मामलों से सभी लोग चिंतित हैं। इस तरह की घटना को लेकर तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में काम कर रहे झारखंड के दर्जनों मजदूरों ने अपने महीनों लंबित वेतन के भुगतान और घर वापस आने के लिए मदद की गुहार लगाई है। पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया क्षेत्र निवासी दर्जनों मजदूरों ने वीडियो जारी कर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी से मामले में हस्तक्षेप कर सुरक्षित घर वापसी के मदद की अपील की। इस मामले की जानकारी मिलते ही भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने मजदूरों के वीडियो को ट्विटर के माध्यम से साझा करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन एवं कोयंबटूर प्रशासन को अवगत कराते हुए उचित मदद का आग्रह किया।
वीडियो में मजदूरों ने बताया कि उन्हें तमिलनाडु आये हुए तीन महीने हुए हैं और हाल के दिनों में तमिलनाडु में जो माहौल है, उसमें उन्हें अपने जान-माल के सुरक्षा की चिंता बनी हुई है। ऐसे में वे लोग क्या करें, कुछ समझ नही आ रहा है। चिंतित परिजन भी लगातार फ़ोन कर रहे हैं लेकिन हम सभी कुछ कर पाने में असमर्थ हैं। वीडियो में चाकुलिया के चंदनपुर निवासी महेंद्र पाल नामक व्यक्ति ने बताया कि तमिलनाडु में हो रही घटना सिर्फ मोबाइल में देखने को मिल रही थी। परंतु पिछले रात को हुई घटना असहनीय और भयभीत करने वाली है। लोग अपने घर जाने के लिए रेलवे स्टेशन जा रहे हैं, लेकिन उन्हें भगा दिया जा रहा है। जब लोग रूम पर आ रहे हैं तो उन्हें रहने नही दिया जा रहा है। करीब ढाई मिनट के वीडियो में व्यक्ति बार-बार घर आने की बात कह रहा है। उसने बताया कि हमलोगों ने ऐसा क्या गुनाह किया है जो हमें इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। यहां हमारी बातों को सुनने वाला कोई नही है।
कुणाल के ट्वीट के बाद कोयंबटूर प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए मामले से अवगत कराने के लिए कुणाल षाड़ंगी का आभार जताया, उन्होंने लिखा कि मामले को सूचीबद्ध किया गया है, हम इस मामले को देखेंगे।
वहीं, इस मामले पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कोयंबटूर जिला प्रशासन को त्वरित संज्ञान लेने के लिए धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि विडीयो में चाकुलिया निवासी के द्वारा जिस तरह से आपबीती बताई गई वो अत्यंत ही दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। तमिलनाडु सरकार को प्रवासी मजदूरों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है। कहा कि तमिलनाडु सरकार दावा तो कर रही है कि सबकुछ ठीक है परंतु धरातल पर वास्तविकता काफी भयावह है। कुणाल षाड़ंगी ने तमिलनाडु सरकार से अविलंब ठोस पहल करने की मांग की है। जिससे स्थिति नियंत्रित हो सके और झारखंड समेत अन्य राज्यों के मजदूरों का अपने जान-माल के सुरक्षा का भरोसा सरकार पर पुनः बहाल हो सके।