जमशेदपुर : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में भारतीय विधिवेता समाज सुधारक व समाज सुधारक डॉक्टर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी की जयंती मनाया गया। एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया गया इस अवसर अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडे जी ने कहा आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त कीं तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किये थे।व्यावसायिक जीवन के आरम्भिक भाग में ये अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवं वकालत भी की तथा बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में अधिक बीता। इसके बाद आम्बेडकर भारत की स्वतंत्रता के लिए प्रचार और चर्चाओं में शामिल हो गए और पत्रिकाओं को प्रकाशित करने, राजनीतिक अधिकारों की वकालत करने और दलितों के लिए सामाजिक स्वतंत्रता की वकालत की और भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
हिंदू पंथ में व्याप्त कुरूतियों और छुआछूत की प्रथा से तंग आकार सन 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था। सन 1990 में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। 14 अप्रैल को उनका जन्म दिवस आम्बेडकर जयंती के तौर पर भारत समेत दुनिया भर में मनाया जाता है। डॉक्टर आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं मुख्य रूप से उपस्थित थे अधिवक्ता निखिल कुमार, हरि नारायण साहू, कृष्ण चंद्र महतो, पवन कुमार महतो, सब्यसाची महतो, गौरव महतो, अजय मंडल, निमाई मंडल, शिशु मती दास, आदि मौजूद थे।