“बेरोजगारी और बेबसी ने छीनी कई जिंदगिया”
जमशेदपुर : गोलमुरी थाना क्षेत्र में स्थित वर्षों से बंद पड़ी केबल कंपनी आज चोरों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। कभी इस कंपनी की रौनक से पूरा इलाका गुलजार रहता था। यहां काम करने वाले कर्मचारी अन्य कंपनियों के कर्मचारियों की तुलना में बेहतर जीवन यापन करते थे। उनकी तनख्वाह सम्मानजनक थी और उनके घरों में खुशहाली थी। लेकिन कंपनी के बंद होते ही उनकी दुनिया उजड़ गई।
आज हालत यह है कि यह बंद कंपनी चोरों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। यहां रोजाना चोरी होती है। कहा जाता है कि जो भी चोर यहां आता है, खाली हाथ नहीं लौटता। चोरी का यह खेल इतना संगठित है कि कभी-कभार दिखावे के लिए कुछ लोगों की गिरफ्तारी होती है, लेकिन असल में पूरा तंत्र मैनेज होकर चलता है। कंपनी के सुरक्षागार्ड भी ईमानदारी की जगह लालच के सामने घुटने टेक देते हैं। थोड़ी सी ‘चमकी’ (रिश्वत) और ‘भभकी’ (धमकी) के बाद उनका ईमान भी डोल जाता है।
इस कंपनी के बंद होने के बाद कई कर्मचारी इलाज के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। कुछ ने बेरोजगारी और बेबसी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। कभी जो कंपनी उनकी जिंदगी की उम्मीद थी, आज वही खंडहर उनके दर्द और लाचारी की कहानी कह रहा है। बंद पड़ी यह केबुल कंपनी अब इंसानी हसरतों के टूटने और सिस्टम की नाकामी की दर्दनाक तस्वीर बन चुकी है।
