जमशेदपुर : साकची स्थित श्री श्री संकट हरण हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं के साथ राजनीतिकों लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर न सिर्फ भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि हर मौसम में भगवान हनुमान के प्रति लोगों की अटूट आस्था और समर्पण को भी दर्शाता है।
हर मौसम में तपते, कांपते और भीगते हैं संकट हरण हनुमान…..
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहाँ स्थापित भगवान हनुमान की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे विराजमान है। गर्मियों में तेज धूप में तपती है, सर्दियों में कड़ाके की ठंड में कांपती है और बारिश में भीगती है। बावजूद इसके, श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आती, बल्कि हर दिन बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं।
सालों पुराना है मंदिर का इतिहास….
श्री श्री संकट हरण हनुमान मंदिर की स्थापना वर्षों पहले हुई थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मंदिर साकची के सबसे पुराने हनुमान मंदिरों में से एक है। शुरू में यह एक छोटा सा मंदिर था, लेकिन धीरे-धीरे लोगों की आस्था बढ़ती गई और मंदिर का विस्तार होता गया।
राजनीति और स्वार्थ भी जुड़ा है मंदिर से…..
आस्था और श्रद्धा के इस केंद्र पर कई बार राजनीति भी हावी होती रही है। स्थानीय नेता और विभिन्न संगठन मंदिर को लेकर अपनी-अपनी राजनीति रोटी सेंकते रहे हैं। चुनावी मौसम में यहां नेताजी मत्था टेकने और फोटो खिंचवाने जरूर पहुंचते हैं, लेकिन मंदिर की मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देने वाला कोई नहीं।
मंदिर के रखरखाव को लेकर उठते रहे हैं सवाल…
हालांकि मंदिर के विकास के लिए कई प्रस्ताव आए, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई। श्रद्धालु और स्थानीय लोग कई बार मंदिर परिसर को छायादार बनाने और प्रतिमा को मौसम से बचाने के लिए गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
हनुमान जी की कृपा और श्रद्धालुओं की अटूट भक्ति….
मंदिर चाहे किसी भी हालत में हो, लेकिन श्रद्धालुओं की भक्ति कभी कम नहीं होती। हर मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग लड्डू, चोला और फूल-मालाओं के साथ हनुमान जी की पूजा करते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाता है।
मंदिर के लिए क्या हो सकता है समाधान….?
श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए। मंदिर को छायादार बनाया जाए, बारिश और धूप से बचाने के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि भगवान हनुमान की प्रतिमा हर मौसम में सुरक्षित रह सके।
श्री श्री संकट हरण हनुमान मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। यहाँ न सिर्फ भक्तों का जमावड़ा लगता है, बल्कि राजनीति भी अपनी जगह बना चुकी है। फिर भी, हर मौसम की मार झेलते हुए भी यह मंदिर भक्तों के लिए शक्ति और आस्था का केंद्र बना हुआ है।