जमशेदपुर : 20 से 28 तक हुए एशिया का सबसे बड़ा कला महोत्सव – काला घोड़ा कला महोत्सव मुंबई 2024 में देश विदेश के प्रतिभागी शामिल हुए ,इस प्रतियोगिता में जनजातीय हो समुदाय के तीन टीम का चयन हुआ था।
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बिक्रम बिरुली (मयूरभंज, ओडिशा) – पृथ्वी को सबसे अच्छे से कौन समझता है, विषय में टाटा स्टील फाउंडेशन के सीएसआर चीफ सौरव रॉय के साथ में पैनल चर्चा में भाग लिया और जनजातीय हो लोगो की हासा और भाषा विषय में देश विदेश के प्रतिभागियों के बिच में उन्होंने अपना विचार रखा।
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सिसिर दा: टीम (पश्चिम सिंहभूम, झारखंड) – श्याम बोबोंगा, मनिका बिरुली, बासिस्ट पाठ पिंगुआ इनकी टीम ने शाम के समय में सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘रिदम ऑफ अर्थ’ विषय में “सिसिर दाह पारम्परिक दुरेंग ते: गीत सूना कर माया नगरी मुंबई में धूम मचाया लोगो को झूमने पर मजबूर किया।
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दीनोबंधु सुरीन (मयूरभंज, ओडिशा)- आर्ट एंड पेंटिंग में चित्र प्रदर्शन कर अपने कला की ओर आकर्षित किया। उन्होंने हो आर्ट, सौरा आर्ट, सृजनिका आर्ट, गोंड आर्ट और टैटू से अपने कला की ओर आकर्षित किया।