जमशेदपुर : झामुमो नेता बाबर खान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जिस तरह जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र बारीनगर में भवन को तोड़ा गया, पूरी तरह गलत है और ये गैर कानूनी कदम है. बाबर खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का मॉडल झारखंड में नहीं चलने दिया जायेगा. झारखण्ड सरकार न्यायालय के निर्णय पर चलती बाबर खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अचल संपत्ति को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अगर जमीन का असली मालिक अपनी जमीन को दूसरे के कब्जे से वापस पाने के लिए बनाए गए नियम के समय सीमा के अंदर कोई कदम नहीं उठाएंगे, तो उनका मालिकाना हक समाप्त हो जाएगा और उस जमीन पर जिसने विगत 12 वर्षों से कब्जा जमा रखा है, उसी को कानूनी तौर पर मालिकाना हक दे दिया जाएगा।
1963 के अंतर्गत निजी अचल संपत्ति पर लिमिटेशन (परिसीमन) की वैधानिक अवधि 12 साल जबकि सरकारी अचल संपत्ति के मामले में 30 वर्ष है. यह समय सीमा कब्जे के दिन से शुरू होती है. सुप्रीम कोर्ट के जजों जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने इस कानून के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए कहा कि कानून उस व्यक्ति के साथ है, जिसने अचल संपत्ति पर 12 वर्षों से अधिक से कब्जा कर रखा है. अगर 12 वर्ष बाद उसे वहां से हटाया गया, तो उसके पास संपत्ति पर दोबारा अधिकार पाने के लिए कानून की शरण में जाने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने कहा, हमारा फैसला है कि संपत्ति पर जिसका कब्जा है, उसे कोई दूसरा व्यक्ति बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के वहां से हटा नहीं सकता है. अगर किसी ने 12 साल से अवैध कब्जा कर रखा है तो कानूनी मालिक के पास भी उसे हटाने का अधिकार भी नहीं रह जाएगा।
ऐसी स्थिति में अवैध कब्जे वाले को ही कानूनी अधिकार, होगा हमारे विचार से इसका परिणाम यह होगा कि एक बार अधिकार (राइट), मालिकाना हक (टाइटल) या हिस्सा (इंट्रेस्ट) मिल जाने पर उसे वादी कानून के अनुच्छेद 65 के दायरे में तलवार की तरह इस्तेमाल कर सकता है, वहीं प्रतिवादी के लिए यह एक सुरक्षा कवच होगा. अगर किसी व्यक्ति ने कानून के तहत अवैध कब्जे को भी कानूनी कब्जे में तब्दील कर लिया तो जबर्दस्ती हटाए जाने पर वह कानून से सहायता ले सकता है. बाबर खान ने कहा कि भवन तोड़ने से पहले नोटिस का तमिल करना चाहिए. एक विवादित संगठन के इशारे और दबाव पर कार्रवाई की गयी. इसकी शिकायत झारखण्ड सरकार के मुखमंत्री और अल्पशंखक मंत्री को किया जायेगा और जरूरत पड़ी तो आंदोलन शुरू किया जायेगा. गौरतलब है कि बुधवार को जमशेदपुर के टेल्को बारीनगर एरिया में बुचड़खानों को हटा दिया गया था।