जमशेदपुर : भाजपा महानगर अध्यक्ष की ओर से पिछले दिनों जिला भाजयुमो के दो पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का मामला अब धीरे धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. पिछले दिनों भाजयुमो के जिला मीडिया प्रभारी मोंटी अग्रवाल ने मोर्चा से निलंबन और पदमुक्त किये जाने के खिलाफ जहां कई सबाल उठाये थे।
वहीं रविवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस कार्यक्रम के दौरान जिला भाजपा कार्यालय के गेट पर घंटों धरना दिया. इस दौरान उन्होंने जमशेदपुर भाजपा महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा पर बेवजह यह कार्रवाई करने का आरोप लगाया. धरना के दौरान महानगर भाजपा जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा पार्टी कार्यालय में चल रहे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस कार्यक्रम में मौजूद थे. मोंटी अग्रवाल सुबह करीब 11:30 से दोपहर करीब 2.00 बजे तक कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठे रहे. वहीं महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा इस मामले में पूछने पर कुछ भी कहने से बचते रहे।
शोकॉज के जवाब के बाद भी रिस्पांस नहीं…..
मोंटी अग्रवाल ने बताया कि महानगर अध्यक्ष श्री ओझा ने शोकॉज करते हुए मोर्चा से निलंबित और पदमुक्त कर दिया है. सोशल मीडिया पर बेवजह पोस्ट डालने और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए उन्होंने यह कार्रवाई की है. उन्होंने तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा था. समय-सीमा के अंदर व्हाट्सएप पर उन्हें स्पष्टीकरण का जवाब दे दिये जाने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है. न ही मोबाइल पर फोन करने पर वह रिसीव कर रहे हैं।
महानगर अध्यक्ष को पदमुक्त का अधिकार नहीं…..
इस दौरान मोंटी अग्रवाल ने महानगर अध्यक्ष की ओर से की गयी इस कार्रवाई पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि महानगर अध्यक्ष शोकॉज या निलंबन तक की कार्रवाई कर सकते हैं. उन्हें पदमुक्त करने का अधिकार नहीं है।
बड़े नेताओं पर रहम, छोटे पर सितम क्यों…..
उन्होंने महानगर अध्यक्ष पर पार्टी के बड़े नेताओं पर रहम और छोटे नेताओं पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया. बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान से दो दिन पूर्व पार्टी के जिला चुनाव कार्यालय में आपस में ही जमकर मारपीट हुई थी. इस मामले में महानगर कमेटी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इस पर मोंटी अग्रवाल ने कहा कि हम पर बेवजह एवं पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कार्रवाई की गयी है. यहां बड़े नेताओं की गलती को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
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