जमशेदपुर : साइबर अपराध के जाल को पूरी तरह तोड़ने में पुलिस विफल रही है. एक बार फिर शहर के एक डॉक्टर को डिजिटल आरेस्ट का डर दिखाकर साइबर अपराधियों ने 13.24 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया. शहर में डिजिटल आरेस्ट का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी साईबार अपराधी ऐसी कई घटनाओं को अंजाम दे चुके है।
दिलचस्प बात यह है कि साईबर आरेस्ट के मामले में अधिकांश बार संभ्रांत वर्ग को ही निशाना बनाया जाता है, जिनके बैंक खातों और प्रोपर्टी की जानकारी पहले से अपराधियों को होती है. ऐसे में पद और प्रतिष्ठा हनन की भय से ये लोग आसानी से साईबार अपराधियों के जाल में फंस जाते है और उनके द्वारा मांगी गयी रकम निश्चित खाते में ट्रांसफर कर देते हैं।
इस बार साइबर आरेस्ट का शिकार बने हैं आशियाना इंक्लेव निवासी डॉ. के मजुमदार जिनसे साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 13,24,131 रुपये ठगी कर ली है. नासिक पुलिस बनकर डॉक्टर को फोन करने वाले अपराधियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उनका नाम आने का डर दिखाया, फिर जेल भेजने और केस रफा-दफा करने के नाम पैसे ट्रांसफर करवा लिये. अब मामला सामने आने के बाद पुलिस इसकी जांच कर रही है।
वहीं बीते 24 घंटे में जमशेदपुर में दो अन्य लोगों बिष्टुपुर धातकीडीह निवासी तालिब मोहम्मद खान और भुइयांडीह निवासी सिद्धार्थ स्नेहल से ठगी कर ली गयी है. तालिब मोहम्मद खान ऑनलाइन ट्रेनिंग के नाम पर 2,70,224 रुपये तो सिद्धार्थ स्नेहल से निवेश के नाम पर 4,57,400 रुपयों की ठगी की गयी है. फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर मामलों की जांच कर रही है।
