चाणक्य शाह की कलम से… JAMSHEDPUR : जहां एक तरफ पूरा देश और शहर राम नाम में लीन हैं. वहीं जमशेदपुर का एक ऐसा शख्स जो किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं. सिर्फ उसका नाम ही काफी है. जी हां उस शख्सियत का नाम है. रवि जायसवाल अपने शहर या दूर दराज के गांव में किसी को भी किसी तरह की परेशानी हो दुख हो या तकलीफ ये शख्स दीवार बनकर खड़ा रहता है. और तबतक खड़ा रहता है जबतक वो काम पूरी तरफ खत्म ना हो जाए।
बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से समाजसेवी रवि जायसवाल को पता चला की एक युवती जिसके माता पिता इस दुनिया में नहीं है. और वे दो बहने हैं. दोनो बहन का जॉब कुछ महीनों से छूट गया हैं. और वो जॉब करके अपनी रोजमर्रा की जिंदगी और जरूरत की चीजों को पूरा करती है. साथ में अपनी पढ़ाई को लगातार जारी रखी हुई है. लेकिन एक ऐसा पड़ाव आया की पढ़ाई के बीच पैसा रोड़ा बन गया. लेकिन इस रोड़ा के बीच में रवि जायसवाल दीवार बनकर खड़ा हो गए और बहन की जरूरत को पूरा किया और बहन में आगे पढ़ाई जारी रखने का साहस दिया और कहा की बहन हौसला को बुलंद रखो एक दिन आपका हौसला ही चट्टानी बाधाओं का गुरुर तोड़ देगी।
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