जमशेदपुर : परसुडीह से रविवार को एक ऐसी खबर आई जिसने हर दिल को झकझोर दिया. परसुडीह थाना अंतर्गत गुरुद्वारा रोड में रहने वाले 11 वर्षीय छात्र प्रेम मुंडा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह वही उम्र होती है जब बच्चे खिलौनों से खेलते हैं, जिंदगी से सपने बुनते हैं, लेकिन प्रेम ने अपने नन्हे हाथों से जीवन की डोर ही तोड़ दी.
सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला प्रेम, अपने छोटे से परिवार का बड़ा आसरा था. पिता की मौत के बाद मां लक्ष्मी मुंडा टाटा मोटर्स में ठेका मजदूरी कर किसी तरह बच्चों का लालन-पालन कर रही थीं. रविवार को जब मां रोज की तरह काम पर गई थीं, प्रेम अपनी बहन के साथ घर पर था. खेलते-खेलते बहन से मामूली कहासुनी क्या हुई, मासूम प्रेम ने अकेले कमरे में जाकर दरवाजा बंद किया और दुपट्टे से फंदा बना कर लटक गया.
परिजनों में मचा करुण-क्रंदन
हंगामा सुनकर मोहल्ले वाले भागे आए, दरवाजा तोड़ा गया, और प्रेम को लेकर खासमहल सदर अस्पताल पहुंचे. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अस्पताल में मां लक्ष्मी समेत अन्य परिजनों का रुदन हर किसी की आंखें नम कर गया. वह बार-बार सिर्फ एक ही बात दोहरा रही थीं मैं तो सुबह तक उसे हंसते हुए छोड़कर गई थी.
समाज के लिए एक सवाल छोड़ गया मासूम
इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों की भावनात्मक दुनिया को हम कितना समझ पाते हैं? छोटी-छोटी बातें बच्चों के लिए कितनी बड़ी बन जाती हैं, इसका अंदाजा हम अक्सर नहीं लगा पाते. इधर, पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया है और मामले की जांच कर रही है.