जमशेदपुर : जमशेदपुर से सटे एनएच 33 पर बीते दिनों ज्योति अग्रवाल की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मंगलवार को ज्योति के पिता प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने आवास में एक प्रेस वार्ता कर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के सहयोग करने पर धन्यवाद दिया. उन्हें जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां पुलिस का भी धन्यवाद देते हुए कहा कि पुलिस ने तत्परता से इस केस को हल किया है. प्रेस वार्ता के दौरान प्रेमचंद ने कहा कि वे हत्या का राज खुलने तक रवि अग्रवाल को अपने बेटे जैसा मानते थे. उन्हें अब भी हत्या का सही कारण नहीं पता है. उन्होंने पूरी कहानी को फिर से दोहराते हुए कहा कि साल 2009 में बेटी की शादी रवि अग्रवाल से की थी. शादी के कुछ सालों बाद पति-पत्नी के बीच विवाद होता रहा था. हालांकि बीते 2-3 सालों से विवाद बढ़ता चला गया।
इस बीच रवि ने डॉ मनोज साहू से इलाज शुरु किया. रवि द्वारा ज्योति को दवाई दी जाती थी पर वह ज्योति को क्या दवाई दे रहा था इसकी जानकारी किसी को नहीं थी. ज्योति को दवाई देने के बाद जबरदस्ती शराब पिलाई जाती थी. इसके अलावा कफ सिरप की भी हेवी डोज दी जाती थी. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वे लोग चाहते थे कि रवि और ज्योति एक साथ रहे इसलिए कभी भी तलाक के लिए दबाव नहीं दिया. हमेशा दोनों पक्ष के बीच समझौता हुआ पर अंत में साजिश के तहत रवि ने ज्योति की हत्या कर दी. ज्योति के दोनों बच्चों को वे अपने साथ रखना चाहते है. इसके लिए जो भी कानुनी प्रक्रिया है वह पूरी करेंगे।
इधर, ज्योति के परिजनों ने कहा कि रवि के पिता ने एक नो ब्लेम लेटर पर साइन करने को कहा था जिसपर लिखा है कि अगर ज्योति आत्महत्या करती है तो मायके पक्ष द्वारा ससुराल पक्ष के किसी पर भी केस नहीं किया जाएगा. उन्होने उसपर साइन नहीं किया. इसके अलावा परिजनों ने कहा कि अब तक उन्हें यह नहीं पता चला है कि आखिर रवि ने हत्या क्यों की. पुलिस का कहना है कि रवि दोनों के बीच हो रहे झगड़े से तंग आ गया था जिस कारण हत्या की गई. परिजनों ने शक जाहिर करते हुए बताया कि रवि अग्रवाल के यहां तीन महिलाएं काम करती है. संभवत: रवि के साथ किसी का अवैध संबंध हो जिस कारण से उसने हत्या करवाई हो।
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