जमशेदपुर : समाजसेवी रवि जायसवाल ने शहीद दिवस पर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को याद करते हुए कहा कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव तीनों भारत के वे सच्चे सपूत थे, जिन्होंने अपनी देशभक्ति और देश प्रेम को अपने प्राणों से भी अधिक महत्व दिया और मातृभूमि के लिए प्राण न्यौछावर कर गए. देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों को हंसते-हंसते न्यौछावर करने वाले तीन वीर सपूतों का शहीद दिवस यह दिवस न केवल देश के प्रति सम्मान और हिंदुस्तानी होने का गौरव का अनुभव कराता है. बल्कि वीर सपूतों के बलिदान को भीगे मन से श्रृद्धांजलि देता है.
श्री जायसवाल ने कहा कि उन अमर क्रांतिकारियों के बारे में आम मनुष्य की वैचारिक टिप्पणी का कोई अर्थ नहीं है. उनके उज्ज्वल चरित्रों को बस याद किया जा सकता है कि ऐसे मानव भी इस दुनिया में हुए थे, जिनके आचरण किंवदंति थे. इन तीनों अमर बलिदानीयों ने अपने अति संक्षिप्त जीवन में वैचारिक क्रांति की जो मशाल जलाई, उनके बाद अब किसी के लिए संभव न होगा. इनकी कुर्बानियों को नमन है।
श्री जायसवाल ने शहीद भगत सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था आदमी को मारा जा सकता है उसके विचार को नहीं. बड़े साम्राज्यों का पतन हो जाता है लेकिन विचार हमेशा जीवित रहते हैं और बहरे हो चुके लोगों को सुनाने के लिए ऊंची आवाज जरूरी है।’ बम फेंकने के बाद भगतसिंह द्वारा फेंके गए पर्चों में यह लिखा था।
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