जमशेदपुर : भाजपा नेता विकास सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि हाल ही के दिन में माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा मानगों के फ्लाईओवर और पुल का शिलान्यास गोपाल मैदान में किया गया था और उसके प्रशासनिक स्वीकृति भी कैबिनेट के द्वारा दी गई लेकिन पुरे मामले में दाल में काला दिखता है।
विकास सिंह ने कहा कि फ्लाईओवर वाला योजना एक सफेद हाथी की तरह रहेगा जो सुनने में बहुत अच्छा लगेगा लेकिन देखने को नहीं मिलेगा। विकास सिंह ने कहा विगत दिनों गोपाल मैदान में हुए शिलान्यास के कार्यक्रम में टाटा घराने का कोई भी बड़ा अधिकारी या प्रतिनिधि का नहीं रहना इस बात को दर्शाता है कि यह केवल एक चुनावी जुमला है।
आख़िर सरकार को ऐसी क्या मजबूरी आन पड़ी की टाटा स्टील के लीज एरिया में अपने खर्चे से फ्लाईओवर और पुलिया बनाने में करोड़ों खर्च करने पड़ रहे हैं। टाटा स्टील का निजी लीज एरिया में बिना एनओसी लिए कोई भी कार्य सरकार नहीं कर सकता। आज से कुछ माह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डिमना मुख्य सड़क के बीच स्थित डिवाइडर में सब्जी बेचने वालों के लोगों के बीच आए थे उन्होंने भाषण दिया था कि झोपड़े का दुकान अच्छा नहीं लगता इसे टीने का दुकान बना दिया जाएगा।
दुकानदारों में खुशी की लहर दौड़ गई थी लोग एक दूसरे को अबीर लगाए थे और लड्डू भी खिलाए थे। नगर निगम ने आनन-फानन में लगभग पच्चीस लाख रुपए का निविदा भी अखबार में प्रकाशित कर आमंत्रित किया था। उलीडीह के रहने वाले ईश्वरी कंस्ट्रक्शन ने काफी नीचे दर में निविदा प्राप्त भी कर लिया था एकरारनामा के लिए राशि भी जमा कर दी थी कार्यादेश मिलने के बाद भी कार्य नहीं हो पाया।
वह भी एक सफेद हाथी ही निकला नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि टाटा स्टील एनओसी नहीं दे रहा है इसलिए काम को रद्द कर दिया गया। फुटकर दुकानदार की खुशी मातम में बदल गई। दूसरा उदाहरण मानगो के हिल्व्यू के समीप आज से आठ वर्ष पूर्व टाटा के लीज जमीन में दो बड़े-बड़े पार्क का निविदा नगर निगम के द्वारा आमंत्रित किया गया था संवेदक भी बहाल हो गए थे तत्कालीन जनप्रतिनिधियों के द्वारा भूमि पूजन भी कर दिया गया था लेकिन एनओसी नहीं मिलने के कारण आज वह योजना सफेद हाथी हो गया है।
विकास सिंह ने कहा पूर्ण बहुमत में सरकार है वह टाटा स्टील का कान पकड़ कर लोगों को नागरिक सुविधा दिला सकती है फ्लाईओवर और पुल का निर्माण करवा सकती है। जैसा पूर्व में हुआ स्वर्णरेखा नदी में मानगो में बना हुआ दोनों पुल टाटा स्टील के द्वारा ही बनाया गया और उसका रखरखाव टाटा स्टील के द्वारा किया जाता है और तीसरे पुल में टाटा स्टील का कहीं नामोनिशान ना रहना दाल में काला रहने की बात को दर्शा रहा है।
पूर्व घटनाक्रम को देख कर लगता हैं कि केवल जनता को लोक लुभाने वाले वादा ही हैं जो एक चुनावी जुमला लगता है। टाटा स्टील अगर फ्लाईओवर और पुल का निर्माण करवाता तो सरकार के पास भारी भरकम राशि बस्ती और उस राशि का उपयोग अन्य जनकल्याणकारी कार्यों में होता।