जमशेदपुर : जमशेदपुर के सुंदरनगर में रेलवे प्रशासन ने मंगलवार दोपहर बुलडोजर चलाकर रेलवे फाटक के आस-पास बने कुल 24 अवैध मकानों को ध्वस्त कर दिया. लोगों को पहले नोटिस देकर आगाह किया गया था, जिसके बाद वे अपने घरों से सामान बाहर निकाल कर चले गए. रेलवे प्रशासन ने सायरन बजाकर कार्रवाई की और लोगों के आशियानों को एक-एक कर उजाड़ दिया. इस कार्य में कोई विरोध नहीं हुआ. यह कार्रवाई रेलवे के जमीन पर हो रहे काम के लिए अतिक्रमण मुक्त कराने के उद्देश्य से की गई. रेलवे की इस कार्रवाई से प्रभावित लोगों में अफरा-तफरी मच गई. लोग अपने आशियानों से जल्दी-जल्दी बर्तन, कपड़े, लकड़ी और अन्य सामान समेटकर बाहर निकलते दिखे, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कई परिवार अपने सामान को बचा नहीं सके।
लोगो ने कहा की पिछले 20 से 25 साल से हमलोग यहाँ पर रह रहें थें और आज रेल प्रसासन ने घर और दुकानों को बुलडोजर लगा कर तोड़ दिया गया, हमलोगो को नोटिस मिला था. लेकिन अब हमलोग बारिश के मौसम में कहां जायेंगे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की किसी भी कार्रवाई से पूर्व यह निर्देश दे रखा है कि प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाना चाहिए, ताकि वे कहीं और पुनर्वास कर सकें. लेकिन सुंदरनगर में इस आदेश की सरेआम अवहेलना की गई. स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्हें सिर्फ एक नोटिस थमाया गया और फिर रेलवे ने बुल्डोजर चला दिया। न कोई सर्वेक्षण हुआ, न कोई पुनर्वास योजना सामने रखी गई. एक महिला, जिनका घर इस कार्रवाई में उजड़ गया, रोते हुए बोलीं, “हमने अपनी जिंदगी की सारी जमा-पूंजी से यह झोपड़ी बनाई थी. अब हम बच्चों को लेकर कहां जाएं?

