पलटू राम नीतीश कुमार और भगोड़ा सरयू राय किसी के सगे नहीं हैं….
जमशेदपुर : जमशेदपुर पश्चिमी से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरयू राय पिछले विधानसभा चुनाव में कमल छाप को डुबाने में लगे थे. उन्होंने पूरे राज्य में घूम घूम कर कमल छाप को हराने का काम किया. आज कहते हैं कि सिलेंडर ही कमल है और कमल ही सिलेंडर है. यानी फिर एक बार जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. जो सिलेंडर पिछले बार कमल को डुबाने में लगा था, वो सिलेंडर आज कमल कैसे हो गया. असल में सरयू राय को झूठ परोसने की आदत है।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2019 में सरयू राय भाजपा से निष्कासित किए गए थे. उनसे पूछिए कि क्या निष्कासन वापस हो गया है? असल में आज जिस कमल की डंडी को चप्पू बनाकर सरयू राय चुनावी नैया को खेना चाहते हैं. उस कमल पार्टी के रिकार्ड में सरयू राय का नाम निष्कासित के रुप में दर्ज है. बन्ना गुप्ता ने कहा कि पलटूराम नीतीश कुमार ही जब मोदी जी के सगे नहीं रह सके तो सरयू राय से यह उम्मीद बेमानी है. नीतीश कुमार और सरयू राय दोनों का चाल चरित्र एक जैसा है. ये लोग कब मोदी समर्थक हो जायेंगे और कब मोदी विरोधी, यह बात ये खुद भी नहीं जानते हैं. असल में ऐसे लोग किसी के सगे नहीं हैं, ये लोग सिर्फ स्वार्थ की राजनीति करते हैं।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि जो व्यक्ति खुद को पाक साफ दिखलाता है, उसके चुनावी हलफनामे को देखिए. जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि सरयू राय पर विभिन्न थानों में कितने अपराधिक मामले दर्ज हैं. माननीय न्यायलय में उनके विरुद्ध मामलों की सुनवाई चल रही है. असल में वे प्रभाव से थानों में मुक़दमों को प्रभावित करते हैं. वर्ष 1994 में उन्होंने गुमला में नलकूप घोटाला किया था. मंत्री रहते हुए उनका आहार पत्रिका घोटाला, खाद्यान को जमीन में गाड़ने वाला मामला काफी चर्चित रहा है. बन्ना गुप्ता ने कहा कि हद तो तब हो गई जब उन्होंने अपने चुनावी शपथ पत्र में अपनी दिवंगत पत्नी के नाम के स्थान पर भरा – ‘लागू नहीं’. यह अपमान उन्होंने केवल अपनी स्वर्गीय पत्नी का ही नहीं किया बल्कि पूरे मातृ शक्ति का किया है. सरयू राय माताओं और बहनों के प्रति कैसे विचार रखते हैं, यह उनके चुनावी शपथ पत्र से जाहिर हो चुका है।