जमशेदपुर : जिला समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर अहम बैठक हुई। बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर भगीरथ प्रसाद, डीटीओ धनंजय कुमार, एसडीएम, डीएसपी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि बीते एक माह में जिले में 22 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 10 लोगों की जान गई और 20 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। चिंताजनक बात यह रही कि 10 में से 8 लोगों ने हेलमेट नहीं पहना था, जिसके कारण उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उपायुक्त ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और निर्देश दिया कि पेट्रोल पंप संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें सख्ती से यह निर्देश दिया जाए कि बिना हेलमेट दोपहिया चालकों को पेट्रोल न दें। वहीं, ट्रैफिक पुलिस को जांच अभियान तेज करने को कहा गया।
बैठक में ‘गोल्डन ऑवर’ के महत्व पर भी चर्चा की गई। दुर्घटना के बाद शुरुआती एक घंटे में घायल को अस्पताल पहुंचाना जीवन बचा सकता है। इस दौरान पोटका के खरियासाई निवासी किशन गुप्ता को एक सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। अधिकारियों ने उनके इस नेक कार्य की सराहना की और ‘गुड समारिटन’ को कानूनी संरक्षण की जानकारी जनसाधारण तक पहुंचाने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने हिट एंड रन के 35 लंबित मामलों में पीड़ित परिवारों को जल्द मुआवजा दिलाने का आदेश दिया। साथ ही ब्लैक स्पॉट इलाकों में रोशनी की व्यवस्था और अंधे मोड़ों पर स्लाइडिंग बैरियर लगाने के निर्देश एनएचएआई को दिए। मई माह में यातायात नियमों की अनदेखी पर 366 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए गए, जबकि ट्रैफिक पुलिस ने 23.50 लाख रुपये जुर्माना वसूला। इसी अवधि में 2001 नए ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए, जिनमें 1695 पुरुष और 305 महिलाएं शामिल हैं।
