“चाणक्य शाह” LOKTANTRA SAVERA : कहते हैं ना कोशिश करने वाले की कभी हार नही होती एक छोटा बच्चा जिसका नाम कृष्ण नायक है. 2 साल की उम्र में कृष्ण नायक के सर के ऊपर से मां की ममता की छांव और पिता का साया उजड़ गया. कृष्ण नायक महज 2 साल की उम्र में जब उनको ठीक से होश भी नही आया था. उसी समय इस बच्चे के जीवन में बहुत बड़ा भूचाल आ गया. इस बच्चे की परवरिश उनके दादा दादी के द्वारा किया गया. यह छोटा बच्चा किसी तरह बड़ा होता है. कृष्ण नायक ग्रेजुएट हैं. कृष्ण नायक बहुत अच्छा क्रिकेट खिलाड़ी थे।
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लेकिन एक समय उनके जीवन में ऐसा आया की क्रिकेट उनके शरीर में बैक पेन की समस्या आ गई. और उस बीमारी के चक्कर में कृष्ण नायक के जीवन में दूसरी बार भूचाल आया बहुत सारे डॉक्टर को दिखाने और पैसे के अभाव में हारने के बाद कृष्ण नायक ने योग की तरफ रुख किया. फिर से कृष्ण नायक के जीवन में एक नया उम्मीद जगा और कृष्ण नायक ने आज देशभर के पैदल यात्रा पर निकल देशवासियों को एक नया संदेश देने का काम कर रहें हैं. अभी तक कृष्ण नायक कई राज्यों का पैदल यात्रा कर जब जमशेदपुर पहुंचे तो उनसे बातचीत के दौरान हम भी भावुक हो गए.
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देश भर मे योग एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु कर्नाटक राज्य के मैसूर से एक युवा कृष्ण नायक देश भर के पैदल यात्रा के लिए निकला पड़ा हैं. लगभग पांच हजार किलोमीटर का पैदल सफर तय कर मंगलवार को वो जमशेदपुर पहँचा. इस युवक का नाम कृष्ण नायक हैं और ये कर्नाटक राज्य का निवासी हैं, देश भर मे योग एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रत्तेक व्यक्ति को जागरूक करने का लक्ष्य लेकर कृष्ण नायक देश भर के यात्रा मे निकला हैं. पीठ पर भारत देश का तिरंगा झंडा लेकर यह देश की एकता का सन्देश भी लोगों को दे रहा हैं।
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अब तक कृष्ण ने आठ राज्यों का सफर तय कर लिया हैं और अब वह झारखण्ड पहुंचे हैं. विगत वर्ष अक्टूबर माह मे उन्होंने यात्रा की शुरुआत की थी और कुल मिलाकर दो वर्षो मे कृष्ण नायक 28 राज्यों का सफर तय कर वापस कर्नाटक राज्य पहूंचकर अपने यात्रा को समाप्त करेंगे कृष्ण नायक के अनुसार योग से शरीर निरोग रहता हैं और पर्यावरण संरक्षण मानवता के कल्याण के लिए आवश्यक हैं और इसी को प्रत्येक देशवासी तक पहँचाने हेतु उसने इस कठिन यात्रा का मार्ग चुना, कृष्ण नायक अपने पुरे यात्रा के दौरान कुल 15 हजार किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करेंगे।
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