जमशेदपुर : नारायण प्राइवेट आईटीआई लूपुंगडीह चांडिल में भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर उनके तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया गया। इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक प्रोफेसर जटा शंकर पांडे ने कहा की बिरसा मुण्डा का जन्म 15 नवम्बर 1875 के दशक में छोटा किसान के गरीब परिवार में हुआ था। मुण्डा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार (झारखण्ड) निवासी था। बिरसा जी को 1900 में आदिवासी लोंगो को संगठित देखकर ब्रिटिश सरकार ने आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 2 साल का दण्ड दिया।इनका जन्म मुंडा जनजाति के गरीब परिवार में पिता-सुगना पुर्ती(मुंडा) और माता-करमी पुर्ती(मुंडाईन) के सुपुत्र बिरसा पुर्ती (मुंडा) का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखण्ड के खुटी जिले के उलीहातु गाँव में हुआ था। जो निषाद परिवार से थे, साल्गा गाँव में प्रारम्भिक पढाई के बाद इन्होंने चाईबासा जी0ई0एल0चार्च(गोस्नर एवंजिलकल लुथार) विधालय में पढ़ाई किये थे। इनका मन हमेशा अपने समाज की यूनाइटेड किंगडम। ब्रिटिश शासकों द्वारा की गयी बुरी दशा पर सोचते रहते थे। अवसर पर मुख्य रूप से प्रोफेसर सुदिष्ट कुमार, प्रोफ़ेसर नावेद, अधिवक्ता निखिल कुमार, शांति राम महतो, जायंतो बनर्जी, जगननाथ प्रमाणिक, पवन महतो, अजय मंडल, बिशजीत गोप ,आदि उपस्थित थे
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