जमशेदपुर : कलम की सुगंध झारखंड मंच के द्वारा होली के अवसर पर महामुर्ख सम्मेलन का आयोजन मंच संचालिका किरण कुमारी “वर्तनी” के आवास पर सोनारी आर्दश नगर में किया गया । संस्था की अध्यक्षा आरती श्रीवास्तव “विपुला” ने बताया कि अपनी बहुत पुरानी परंपरा है होली के अवसर पर महामुर्ख सम्मेलन का होना. विगत बीस वर्षों से यह सम्मेलन लगभग विलुप्तता के कगार पर था. अपने सनातन संस्कृति में तनाव से मुक्ति के लिए अपनी जीवन शैली को ही ऐसा बना रखा था कि अलग से कुछ सोचने और करने की आवश्यकता ही नहीं होती थी। अपने पर्व त्यौहार नववर्ष के उपलक्ष में खुलकर हँसने-हँसाने व तनाव मुक्त होने के लिए व्यवस्था कर रखी थी।
मजदूर वर्ग कुछ पी पाकर गायन नृत्य ढोल मजीरा का आनंद लेकर अपने नित्य जीवन में तरोताजा होकर लौटते थे, तो बुद्धि जीवी वर्ग हास्य व्यंग कवि सम्मेलन, महामूर्ख सम्मेलन व टेपा सम्मेलन कर तनाव मुक्त होकर व समाज को भी तनाव मुक्त कर अपनी दिनचर्या में लौटते थे । मन में जो भी तनाव है एक दूजे को बोल कर बिल्कुल हँसते हुए निकल लिया करते थे, माध्यम हास्य व्यंग हुआ करता था । फिर साकारात्मक ऊर्जा से लबरेज होकर हँसते हँसाते ऑफिस में हाजिर । इस प्रक्रिया से हम सब स्वस्थ हुआ करते थे । इतनी नई-नई बिमारियाँ तब नहीं थी तो आइए हम सब मिलकर फिर से अपनी पुरानी विधा में लौटते हैं।
उपहार स्वरूप सब्जी का जो भाग कच्चा पक्का आपको मिला है घर ले जाकर आनंद से उपयोग करें। प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’ जी के संरक्षण और मार्गदर्शन में यह आयोजन बहुत ही सफल आनंददायक रहा । उनका यह सुझाव बेहद प्रशंसनीय रहा । सभी कवियों ने अपनी -अपनी हास्य व्यंग रचना से कवि सम्मेलन को ऊँचाई तक पहुंचाया।
डा.सरित श्रीवास्तव, छाया प्रसाद और प्रतिभा प्रसाद कुमकुम जैसे वरिष्ठ साहित्यकारों के उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चांँद लग गया। रीना सिन्हा का मंच संचालन अत्यंत उत्कृष्ट रहा गोबर गणेश, बोतली, कार्टुन कोना ढब्बू, बोतल के ढक्कन, सब धान बाइस पसेरी, मिट्टी के माधव उपनाम के साथ एक एक कच्ची शब्जी उपहार स्वरूप दिया गया। ममता कर्ण मनस्वी,पूनम सिंह, अनीता निधि, सुष्मिता मिश्रा, शंकुतला शर्मा, नीलम पेरिवाल।सबने जमकर होली गीत पर मस्ती किया। सबकी प्रस्तुति एक से बढ़ कर एक रहा।
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