जमशेदपुर : हेमंत पाठक ने कहा जिस तरह ब्रिटिश शासक के खिलाफ 1855 में वीर शहीद सिद्धू कान्हो, चांद ,भैरो ने हजारों ग्रामीणों को लेकर भीषण आंदोलन छेड़ा था। संताल आदिवासियों का हूल अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया आह्वान था, जिसमें दावा किया जाता है कि 10-60 हजार संताल आदिवासी जुट गए थे और अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी. आदिवासियों ने कभी भी अंग्रेजों की गुलामी को स्वीकार नहीं किया और उन्होंने अपनी जमीन बचाने के लिए युद्ध किया।
उसी प्रकार झारखंड सरकार के द्वारा ब्रिटिश हुकूमत की तरह इंटर के छात्रों के भविष्य से खेला जा रहा है. उसी तरह अब छात्र सड़क पर ज्ञापन देने नहीं अब आर पार की लड़ाई के लिए सड़क पे उतरेंगे। और बुधवार 2 जून को सभी क्रांतिकारी छात्रों के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में छात्रों के द्वारा ताला बंदी किया जाएगा और मांगे पूरी नहीं किए जाने के खिलाफ हर कॉलेज के राज्य सरकार का शव यात्रा एवं पुतला दहन किया जाएगा और जरूरत पड़ेगा तो छात्र हम नहीं तो कोई नहीं का नारा देने के साथ शहर ओर ग्रामीण क्षेत्र के सभी कॉलेज में बंदी की घोषणा भी करेंगे। माल्यार्पण कार्यक्रम में हेमंत पाठक, उत्तम सतुआ, दीपक नामता, अमन कुमार, प्रदीप कुमार, मंटू सतुआ, रॉकी प्रसाद उपस्थित थे।
