जमशेदपुर : पोटका विधानसभा में भाजपा युवा मोर्चा द्वारा ज़िला अध्यक्ष नीतीश कुशवाहा के नेतृत्व में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर युवा मोर्चा ज़िला मंत्री गणेश सरदार, ज़िला परिषद सदस्य सूरज मंडल, एसटी मोर्चा ज़िला मंत्री मनोज सरदार, दिनेश कर, पिंटू पुराण, विशाल मुंडा, और अभिषेक आचार्य विशेष रूप से उपस्थित थे।
भाई-भतीजावाद और कार्यकर्ताओं की अनदेखी…..
पोटका के विधायक पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में केवल अपने साला-बहनोई जैसे रिश्तेदारों को महत्व दिया और चुनाव के समय मदद करने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है।
सरकारी पदाधिकारियों के ट्रांसफर और भ्रष्टाचार के आरोप…..
विधायक द्वारा मनमाने तरीके से सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग करने के आरोप हैं, जो अखबारों में भी प्रकाशित हुए हैं। हरिणा मंदिर और रंकणी मंदिर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए जारी करोड़ों रुपये में भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं। मंदिर से जुड़ी सड़कों पर फाइबर ब्लॉक चढ़ाकर पैसों की बंदरबांट की गई।
घोषित योजनाओं का धरातल पर न उतरना….
विधायक ने डिग्री कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाने की घोषणा की थी, लेकिन वे अब तक वास्तविकता में नहीं उतर सके। पहले से बने डिग्री कॉलेज का छज्जा गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं। उनके कार्यकाल में उद्घाटित कई सड़क और नाली कार्य अधूरे पड़े हैं।
महिला समूहों का राजनीतिक उपयोग
जेएसपीएल का गठन महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए किया गया था, लेकिन विधायक ने महिला समूहों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। ब्लॉक स्तर के बीपीएम जैसे पदों पर अपने हितों के अनुसार स्थानांतरण करवा कर लाभ उठाने के आरोप लगाए गए हैं।
बार-बार टेंडर और अधूरे कार्य….
विधानसभा क्षेत्र में लगातार टेंडर जारी किए जा रहे हैं, लेकिन कार्य पूरे नहीं हो रहे हैं। यहां के ठेकेदारों ने भी सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को उठाया है।
राशन में अनियमितता…..
स्थानीय निवासियों को बारह महीने का राशन मिलने के बजाय केवल नौ-दस महीने का राशन दिया जा रहा है, जो भी अधूरा है। राशन की राशि में भी गड़बड़ी के आरोप हैं।
भ्रष्टाचार और आदिवासी समुदाय की उपेक्षा…..
पोटका क्षेत्र में अंचल और प्रखंड कार्यालयों में बिना घूस के कोई काम नहीं होता। समय पर भुगतान नहीं होने की शिकायतें भी लगातार बनी रहती हैं। विधायक पर विशेष समुदाय के पक्ष में काम करने और आदिवासी समाज के लोगों की उपेक्षा करने के आरोप हैं।
बीपीएम मंटू मुंडा का ट्रांसफर
जेसनपीएस के बीपीएम मंटू मुंडा को तीन साल से अधिक पद पर रहने के बाद पोटका में पुनः स्थानांतरित किया गया। आशंका जताई जा रही है कि यह चुनाव को प्रभावित करने और महिला समितियों को प्रभावित करने के लिए किया गया है। इसलिए, मांग की गई है कि मंटू मुंडा को तुरंत हटाया जाए।