JAMSHEDPUR : लौहनगरी शहर में इन दिनों सांपों का आतंक दिख रहा है. सांप के नाम से ही लोग डरते है और अगर दिख जाए तो मानो उससे बचने के लिए भगवान से हर वो दुवा मांग लेते है जिसे वो बच जाए कहते है. सांप अगर डंक मार दे तो उसका बचना मुश्किल हो जाता है. इस डर को खत्म करने के लिए सांप पकड़ने वाले टीम ने एक पहल शुरू कर रखी है. कहते है लोग घर में हो या बाहर सांप के नाम से ही डरे सहमे हुए रहते और उसे बचने के लिए किसी वैसे का इन्तेजार करते है जो उसे पकड़ ले और जान बच सके लोगो के अंदर की डर को महसूस करते हुए शहर में सांप पडकने वाले युवाओं ने एक टीम बनाई जिसका नाम स्नेक रक्षक रखा यह टीम शहर के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
एक आवाज टीम को आई और टीम के सदस्य तुरंत वहाँ पहुँच कर अपनी सेवा देने में कोई कसर नही छोड़ते है तुरंत सांप को पकड़ लेते है. और डरे हुए इंसान को उस डर से मुक्त कर देता है. कहते है डर के आगे जीत है यह कहावत स्नेक रक्षक ने साबित किया यह तस्वीर जो आप देख रहे हैं वह जमशेदपुर शहर की है जिस शहर में बरसात आते ही लोग शहर को छोड़ दूसरे शहर रहने को मजबूर हो जाते हैं, हालात यह है कि सांपों के डर से लोग डरे सहमे हुए हैं. हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जमशेदपुर शहर के साथ-साथ आसपास के कई गांव पूरा दलमा के जंगलों से घिरा हुआ है और बरसात आते ही जहरीले सांप खाने की तलाश में शहर और ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश करते हैं।
वही टीम शहर में अपने लोगों के साथ सांप पकड़ते हैं और उसे जंगल में ले जाकर बड़ी सावधानी से छोड़ा करते हैं ताकि वह सांप किसी को काटे ना इसे पकड़ने और छोड़ने में टीम के युवक द्वारा बड़ी सावधानी से काम किया जाता है ताकि सांपों को भी कोई नुकसान ना हो और इंसानों को भी कोई नुकसान ना हो इतना ही नहीं सांप के काटने से हर साल शहर और ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 25 से 30 लोगों की मौत होती है. जून महीने से लेकर सितंबर महीने तक सांपों का आतंक देखने को मिलता है।
एमजीएम अस्पताल सदर अस्पताल और निजी अस्पतालों में रोजाना बड़ी संख्या में सांप के काटे हुए मरीज पहुंचते हैं. वही अधीक्षक का कहना है कि बरसात के समय 1 महीने में एमजीएम अस्पताल में 100 से 150 मरीज सांप के काटने से पहुँचे है. सांप के काटते ही मरीजों के शरीर में तेजी से जहर फैलता है जिसकी वजह से उन्हें समय पर दवा नही दी गई तो जान जा सकती है और समय पे उपचार हो जाए तो उनकी जान बच सकती है मगर कई लोग सांप के काटने से ओझा गुनी के पास जाते हैं. जिससे मरीज की हालत ज्यादा खराब हो जाती है और उसे बचाया नहीं जा सकता है लोगों से अपील करते हैं कि अगर सांप काटे तो तुरंत उसे अस्पताल लेकर आए यहां उस की समुचित व्यवस्था और दवा रखी गई है जिससे लोगों की जान बचाई जा सके. कहते हैं अपनी जान पर खेलकर दूसरे को दूसरे के जान बचाने वाले महान होते हैं जी हां ऐसा ही महानता का काम स्नेक रक्षक जमशेदपुर शहरों में लगातार कर रहे हैं।