जमशेदपुर : साकची में कांग्रेसी नेता शिबू से अतिक्रमण किए गए क्वार्टर मुक्त कराने पहुंची पुलिस और वकील श्रीराम दूबे को करना पड़ा नोक झोंक का सामना. वही मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पुलिस ने अतिक्रमण किए हुए क्वार्टर को खाली करा दिया। इसके लिए पुलिस को अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ी।
बताया जाता है कि साकची में टिस्को कंपनी ने अपने कर्मचारी जीसी झा रहने के लिए क्वार्टर अलॉटमेंट किया था। उस क्वार्टर को जीसी झा ने चौदह वर्ष पूर्व दीपक कुमार को किराए पर दे दिया था, जो कांग्रेसी नेता शिबू के पिता बताए जा रहे हैं। उस दौरान टाटा स्टील को जीसी झा द्वारा क्वार्टर को किराए पर लगाए जाने की जानकारी हुई तब कंपनी ने क्वार्टर खाली कराने का निर्देश जारी किया इस बीच दीपक कुमार ने टाटा स्टील के विरुद्ध मुकदमा कर दिया। इस बीच जीसी झा टाटा स्टील कंपनी से रिटायरमेंट हो गये और उनकी मृत्यु भी हो गई। वहीं दीपक कुमार ने जीसी झा के नाम से एलाउड किए हुए क्वार्टर को खाली नहीं किया। वे टाटा स्टील कंपनी के विरुद्ध मुकदमा लड़ने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने जीसी झा को किराए में रहने के लिए बतौर एडवांस के रूप में दो लाख रुपए दिए हैं।
यह मामला कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट ने सबूत मांगे, जिसे दीपक कुमार प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस बीच मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया और यहां कोर्ट ने टाटा स्टील के पक्ष में फैसला सुनाया। जिसके आलोक में टाटा स्टील के पदाधिकारियों ने साकची पुलिस और मजिस्ट्रेट के मदद से अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंची।
इस दौरान क्वार्टर में रह रही महिलाएं वकील श्रीराम दूबे से उलझ गई। श्रीराम दूबे पर चप्पल तान दिया। पत्थर लेकर हमला करने के लिए दौड़ी। जिसे लोग वहां उपस्थित अन्य लोगों ने रोका, जिससे महिला सफल नहीं हो पाई। वही शिबू सिंह वे अतिक्रमण मुक्त कराने आए अधिकारियों को फोन पर किसी से बात कराने का भी प्रयास करते रहे। लेकिन वे सफल नहीं हुए। अंततः अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है।