जमशेदपुर : जी हां, यह सुनकर चौंकिए मत—आजादी के सात दशक बाद पहली बार करनडीह खासमहल सड़क के दोनों ओर प्रशासनिक स्तर पर व्यापक साफ़-सफाई देखने को मिल रही है। वर्षों से उपेक्षित इस इलाके में अचानक बदली तस्वीर ने स्थानीय लोगों को हैरान भी किया है और खुश भी।
दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के करनडीह आगमन को लेकर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) एवं नगरपालिका क्षेत्र से सटे इलाकों में युद्धस्तर पर सफ़ाई अभियान चलाया जा रहा है। सड़कें चकाचक हो रही हैं, दोनों ओर जमी गंदगी हटाई जा रही है और नालियों की भी सफ़ाई की जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम और जेएनएसी क्षेत्रों में तो किसी तरह नियमित सफ़ाई होती रही है, लेकिन पंचायत क्षेत्रों की स्थिति हमेशा भगवान भरोसे रही है। राष्ट्रपति के आगमन ने पहली बार प्रशासन को पंचायत क्षेत्र की सुध लेने पर मजबूर कर दिया है।
कांग्रेस नेता आनंदमय पात्रा ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि पंचायत क्षेत्रों में भी नियमित साफ़-सफाई बेहद ज़रूरी है, लेकिन पूर्वी सिंहभूम जिला परिषद और अन्य जनप्रतिनिधियों ने इस दिशा में कभी गंभीर पहल नहीं की। उन्होंने कहा कि राज्य में पंचायती राज व्यवस्था लागू है—वार्ड सदस्य से लेकर मुखिया, पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य, विधायक और सांसद तक सभी जनप्रतिनिधि हैं, फिर भी साफ़-सफाई जैसे बुनियादी मुद्दे पर कभी ठोस प्रयास नहीं किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति के आगमन से जिस तरह सफ़ाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हुई है, यदि यही व्यवस्था नियमित रूप से लागू हो जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत का सपना साकार होने में देर नहीं लगेगी।
फिलहाल करनडीह की बदली तस्वीर लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है—और सवाल भी छोड़ रही है कि क्या राष्ट्रपति के जाने के बाद भी यह सफ़ाई कायम रह पाएगी?
