जमशेदपुर : वारांगक्षिति लिपि के जनक ओत् गुरु कोल लाको बोदरा की 38वीं पुण्यतिथि शनिवार को विभिन्न सामाजिक, संगठनों द्वारा मनाई गई। सीतारामडेरा स्थित ओत गुरु कोल लाको बोदरा की आदमकद प्रतिमा पर ऑल इंडिया हो फिल्म एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरा बिरूली,आदिवासी हो समाज युवा महासभा के जिलाध्यक्ष गोमिया सुंडी, संगठन सचिव उपेन्द्र बानरा, उपाध्यक्ष रवि सावैयां ने संयुक्त रूप से माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरा बिरूली ने कहा कि ओत् गुरु कोल “लाको बोदरा” ने चालीस के दशक में हो भाषा की लिपि ‘वारङ क्षिति’ का खोज किया और उसके प्रचार-प्रसार के लिए ‘आदि संस्कृति एवं विज्ञान संस्थान’ (एटे:ए तुर्तुङ सुल्ल पीटिका अक्हड़ा) की स्थापना भी की। यह संस्थान आज भी हो भाषा-साहित्य, संस्कृति के विकास में संलग्न है।
“वारङ क्षिति” में उन्होंने ‘हो’ भाषा का एक वृहद् शब्दकोश भी तैयार किया जो अप्रकाशित है। जिस समाज का अपना लिपि होता उस समाज का देश में एक अलग ही पहचान होती है क्योंकि देश में कई भाषाएं बोलने वाले लोग हैं पर सबकी अपनी लिपि नहीं है। इसलिए अपनी लिपि वारंग चिति लिपि का प्रचार प्रसार करें ताकि देश में अलग पहचान मिल सके।
युवा महासभा के जिलाध्यक्ष गोमिया सुंडी ने कहा कि घंटी आधारित शिक्षक नियुक्ति में हो भाषा शिक्षकों कि बहाली में भेदभाव कर रही है. जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय, बहाली प्रक्रिया को रद्द नहीं करती है तो कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगाl
मौके गोमिया सुंडी,उपेन्द्र बानरा, नर सिंह बिरुली, अमित हेम्ब्रोम, रवि सावैयां, सुरा बिरूली, निकिता बिरूली, संगीता समड, दुर्गामणि, किशोर लकड़ा, प्रकाश कोया, दीपक मांझी, सोनू बोदरा, दिनेश कूदादा, संतोष पुरती, प्रेम आनंद सामड, पप्पू बानरा, लाल मोहन जामुदा, गंगाराम बिरुली सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।