जमशेदपुर : बारीडीह बस्ती जमशेदपुर के मुख्य सड़क में जे. एन. ए. सी. द्वारा वाणिज्यिक बहुमंजिला इमारत को कई बार सील कर दिया गया था, सीताराम अग्रवाल, श्रीराम टॉवर, रोड नंबर 1, मिथिला कॉलोनी, हरि मैदान के मालिक, हरि मैदान, मुख्य सड़क, बारीडीह बस्ती पर सील तोड़ कानून और व्यवस्था को ताक पर रख कर बेखौफ धज्जियां उड़ा रहे है ।जेएनएसी अधिकारियों द्वारा 27 जनवरी 24 को पांचवि बार इमारत को सील कर दिया गया था। एक तरफ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने का काम जोरों पर चल रहा है और दूसरी तरफ पूंजीपतियों और दबंगों द्वारा सील तोड़कर काम किया जा रहा है।
आखिरकार, प्रशासनिक अधिकारियों की क्या मजबूरी है? सील होने के कुछ महीनों के बाद इसमें काम शुरू हो जाता है। कानून व्यवस्था को तार तार कर, खुले तौर पर काम चल रहा है, जिसके कारण ये 6 मंजिलें बनाई जा रही हैं। जे.एन.ए सी. के द्वारा श्री राम टॉवर पर अभी तक अधिकारियों द्वारा मुकदमा नहीं किया गया है या जुर्माना नहीं लगाया गया है। कोई पानी और बिजली नहीं काटा गया। आपको बता दें कि इस नवनिर्मित वाणिज्यिक भवन में कोई पार्किंग व्यवस्था नहीं है और नक्शा भी नहीं है। यहां तक कि बिजली का खंबा भी इमारत के अंदर है, जिससे किसी भी समय 220 वोल्ट 3 तार टूटकर गंभीर दुर्घटना हो सकती है।सड़क का अतिक्रमण किया जा रहा है जिसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।कई बार जब अधिकारी को शिकायत करने आते हैं, तो वे सील करते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और यह इमारत दिन-प्रतिदिन बनाई जा रही है
इस वाणिज्यिक बहुमंजिला इमारत के निर्माण के साथ, मुख्य सड़क हमेशा के लिए जाम की समस्या के साथ-साथ बस्ती दुर्घटना से पीड़ित रहेंगे,जिसे बस्तीवासि एवं हमने सिद्दागोडा थाना एवं अनुमण्डल पदाधिकारी, धालभूम, जमशेदपुर में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें नोटिस संख्या 1415 भी दिया गया और अब तक कुल 5 बार तारीख़ भी पढ़ चुका है। यदि अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं करते है, तो यह हमारी गठबंधन सरकार को बदनाम करने की साजिश हो सकता है। बारीडीह बस्ती निवासियो को हर दिन दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता है। भवन का सील तोड़ने से इस बार बस्तीवासियों में काफी आक्रोश है।
भवन के काम को रोकने का विवरण:- (संलग्न) ।
1) 14 जनवरी 22 को काम बंद कर दिया गया। 2) 16 जून 22 को सील किया गया। 3) 28 अप्रैल 23 को फिर से सील कर दिया। 4) 06 मई 23 को फिर से सील कर दिया। 5) 27 जनवरी 24 को पुनः इमारत को सील किया गया .
आखिरकार, जेएनएसी के अधिकारी आंखों में चोली क्यू खेल रहे हैं? क्या इसमें भ्रष्टाचार उस बू पर नहीं आता है?
ऐसा प्रतीत होता है कि आम जनता की समस्या या पीड़ा का हित लेने वाला कोई नहीं है। पूंजीपति अधिकारियों पर हावी हैं और मुख्य सरकारी सड़क पर अतिक्रमण को रोकने के बजाय उनका समर्थन कर रहे हैं. पूर्व की भाँति इस बार भी हमने इसकी सूचना जिला उपायुक्त महोदय एवं एसडीओ को दिया है और आग्रह किया कि उचित करवाई कर इस बहुमंजिला इमारत को ध्वस्त किया जाए।