जमशेदपुर। झारखंड के 14 हजार कृषक मित्रों का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन पिछले पंद्रह दिनों से जारी है। अपने मानदेय और स्थायीकरण की मांग को लेकर कृषक मित्र कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के राँची स्थित सरकारी आवास पर पिछले पंद्रह दिनों से धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं। परंतु कृषक मित्रों को मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री की ओर से कोई ठोस जवाब नही मिल रहा है। भाजपा ने कृषक मित्रों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर राज्य सरकार के उदासीनता के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। भाजपा झारखंड के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कृषक मित्र सरकार और किसानों के बीच सेतु का कार्य करते हैं। परंतु अपने मानदेय की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे कृषक मित्रों की सुध राज्य सरकार नही ले रही है। कुणाल षाड़ंगी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से कृषक मित्र लगातार अपनी मांगो को विभिन्न स्तर पर उठाते आये हैं परंतु सरकार की ओर से उन्हें हर बार आश्वासन की घुट्टी पिलाकर ठगने का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में कृषक मित्रों की अहम भूमिका होती है। इसके साथ ही, विपरीत परिस्थितियों के बीच कृषक मित्र कृषि विभाग की प्रत्येक योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाकर अपना कार्य पूरा करते हैं लेकिन राज्य सरकार का उनके प्रति यह उदासीन रवैया बहुत ही दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। लगातार सरकार की उपेक्षा के कारण कृषक मित्रों के समक्ष आर्थिक संकट उभरकर सामने आ गयी है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने राज्य सरकार से अविलंब कृषक मित्रों की मांगों पर विचार करने और शीघ्र निर्णय लेने की मांग है।
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