जमशेदपुर : झारखंड की झामुमो-कांग्रेस एवं राजद की महागठबंधन सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र को लेकर सूबे की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। पिछले साढ़े तीन वर्ष से झारखंड सरकार की वादाखिलाफी और पूरे प्रदेश में पांव पसारते भ्रष्टाचार एवं बेरोजगारी जैसे मुद्दे को लेकर आंदोलनरत भाजपा ने हेमंत सरकार के एक-एक वादों की जमीनी हकीकत बताते हुए उनसे सवाल पूछे हैं। शनिवार को भाजपा जमशेदपुर महानगर की ओर से साकची जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस-वार्ता में जमशेदपुर लोकसभा के सांसद विद्युत वरण महतो ने हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, जिला महामंत्री राकेश सिंह, अनिल मोदी एवं जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा मौजूद रहे।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सांसद विद्युत वरण महतो ने हेमंत सरकार को सभी मोर्चों पर पूरी तरह से विफल बताया। उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में अब तक इतनी नाकारा, अराजक और भ्रष्ट सरकार किसी ने नहीं देखी। पूरे प्रदेश में बढ़ते अपराध, गिरती स्वास्थ्य सुविधा और बेरोजगार युवाओं से किये वादाखिलाफी से जनता में आक्रोश व्याप्त है। कहा कि आगामी 11 अप्रैल को ‘हेमंत हटाओ-झारखंड बचाओ’ अभियान के तहत झारखंड भाजपा के नेतृत्व में रांची में सचिवालय महाघेराव में त्राहिमाम कर रही जनता के मुददों को मजबूती से आवाज देकर एवं इस सरकार की विदाई का शंखनाद कर सरकार की नींव हिला दी जाएगी।
विद्युत महतो ने झामुमो के घोषणापत्र में किये गए घोषणाओं को लेकर हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि झामुमो ने सत्ता में आने पर तीन उपराजधानी पलामू, चाईबासा और हजारीबाग को बनाने की बात कही थी। जिससे कुल चार उपराजधानी बनने थे। लेकिन साढ़े तीन साल बाद भी ऐसी कोई पहल नही की गई। सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि हेमंत सरकार में डॉक्टर, वकील, जज, पत्रकार, सुरक्षाकर्मी, महिला, आमजन कोई सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार राज्य की जनता को सुरक्षा देने में पूर्ण रूप से विफल रही है। आये दिन नक्सली हमले, महिलाओं के साथ दुष्कर्म, हत्या, छिनतई, अपहरण, लूट, भ्रष्टाचार, ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे मामलों से झारखंड की छवि पूरे देश मे धूमिल हुई है। राँची जैसे शहर में राजभवन की दीवारों पर नक्सली धमकी भरे पोस्टर चिपका देते हैं। कहा कि जैसे ही झारखंड में सत्ता परिवर्तन हुआ हिंसा की घटनाएं तेज हो गई। इसके पीछे हेमंत सोरेन सरकार की राजनितिक इच्छाशक्ति की कमी है। सरकार नक्सलवादियों के खिलाफ ढुलमुल रवैया अपनाएं हुए हैं। जिसके कारण नक्सलियों का मनोबल काफी बढ़ गया है।
सांसद विद्युत महतो ने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ रही है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जनता से सिर्फ झूठे वादों का खिलवाड़ कर रही है। हेमंत सरकार के सत्ता संभालने के बाद पूरे झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं ने दम तोड़ दिया है। हेमंत सरकार में अस्पतालों की दुर्दशा देखने का किसी के पास समय नहीं है। राजधानी रांची के रिम्स समेत कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम के हालात किसी से छिपी नही है। आये दिन अस्पतालों की दुर्दशा की खबरें अखबारों की सुर्खियां बनते हैं, लेकिन सरकार इन सब पर ध्यान ना देकर सिर्फ जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है। श्री महतो ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पतालों में सुविधा का अभाव है जिसके चलते मरीजों को दर-दर भटकना पड़ता है और निजी अस्पतालों की शरण में जाना पड़ता है। लेकिन उन गरीबों का क्या जिनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते। आए दिन राज्य के सरकारी अस्पतालों में सुविधा की कमी, उपकरणों की कमी, डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति की खबरें आती है। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा भी ध्वस्त हो गयी है। आयुष्मान भारत योजना में राज्य सरकार के उदासीन रवैये से अस्पताल की मनमानी चल रही है, और लोगों को इलाज के दर-दर भटकना पड़ रहा है।
श्री महतो ने कहा कि हेमंत सरकार का दृष्टिकोण ही बाहरी-भीतरी और तुष्टिकरण की वोट बैंक पॉलिटिक्स पर टिकी हुई है। इसी के आधार पर सत्ता पर काबिज रहना इनका एजेंडा है। हेमंत सरकार ने साबित किया है कि उनके लिए आदमी की बुनियादी सुविधा और चिकित्सा व्यवस्था का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने राज्य के बिगड़ते हालात पर भारतीय जनता पार्टी झारखंड प्रदेश के नेतृत्व में 11 अप्रैल को प्रस्तावित सचिवालय महाघेराव में अधिक से अधिक संख्या में लोगों से शामिल होने और सरकार से सवाल करने का आह्वान किया।
पूछ रहा युवा, क्या हुआ घोषणापत्र में किया गया रोजगार का वादा: गुंजन यादव
वहीं, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्ता में आने के लिए चुनाव के समय कई तरह के लोक-लुभावने वादे जनता से की। फिर सत्ता मिल जाने के बाद उन वायदों का क्या हाल हुआ है, इसका उदाहरण है झारखंड के युवाओं से किए झारखंड मुक्ति मोर्चा, राजद और कांग्रेस के वादे। हर घर से एक व्यक्ति को नौकरी, नौकरी नहीं मिलने तक बेरोजगारी भत्ता देने, राज्य में अनुबंध और थर्ड पार्टी नौकरी को समाप्त कर स्थायी नौकरी सरीखे वादे जनता से कर झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन ने सरकार बनाई। लेकिन सरकार बनते ही युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलकर सरकार ने अपने मंत्रियों को बंगला से लेकर नए चमचमाती महंगी गाड़ियों की सैर कराई परंतु सड़क पर अपनी मांगों को रख रहे युवाओं पर लाठीचार्ज किया। कानून-व्यवस्था के मामले पर भी राज्य में बदतर स्थिति है। पिछले साढ़े तीन साल में देश में सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं (एक लाख 88 हजार से अधिक) इसी राज्य में हुई हैं। 5225 लोगों की हत्या, महिलाओं के खिलाफ अनाचार, दुराचार के 5300 केस, अपहरण की 5200 घटनाएं दर्ज हुई है। 50-50 टुकड़ों में बेटियों, बहनों को काटा जा रहा है। संताल परगना में झामुमो के नेतृत्व में बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण मिल रहा है।
महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि भाजपा एक सशक्त विपक्ष के रूप में जनता की आवाज बन कर खड़ी है। पार्टी ने सड़क से सदन तक राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों का खुलकर विरोध किया है। पार्टी के निर्णायक संघर्ष के कारण ही दर्जनों कार्यकर्ताओं की हत्या एवं हजारों कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे हुए हैं। फिर भी पार्टी पीछे नहीं होने वाली। आगामी 11 अप्रैल को सचिवालय का महाघेराव ऐतिहासिक और तानाशाही हेमंत सरकार की नींव हिलाने वाली होगी।
इसके साथ ही, भाजपा जमशेदपुर महानगर ने पिछले विधानसभा चुनाव के समय झामुमो द्वारा जारी घोषणापत्र में किये गए वादों पर सरकार की ओर से अब तक कोई निर्णय नही लिए जाने पर वादाखिलाफी और जमीनी हकीकत की लंबी फेहरिस्त जारी की। जिनमें:
घोषणा: सरकार बनते ही एक साल में 5 लाख युवाओं को नौकरी देने बेरोजगारी भत्ता 5 हजार और 7 हजार दिया जाएगा।
हकीकत: चुनावी भाषण के बाद झामुमो ने अपने घोषणापत्र में हर साल पांच लाख सरकारी नौकरी देने का वादा किया। परंतु झारखंड सरकार ने माना है कि 3 साल में JSSC से सिर्फ 357 कर्मियों की नियुक्ति हुई है। बेरोजगारी भत्ता 5 हजार और 7 हजार देने के वादे पूरी तरह से खोखले साबित हुए हैं।
घोषणा: 25 करोड़ रुपए के सरकारी टेंडर सिर्फ स्थानीय लोगों को दिए जाएंगे।
हकीकत: सरकार बताये कितने स्थानीय लोगों को लाइसेंस दिए गए, कितने स्थानीय को ठेकेदार बनाया गया। हेमंत सरकार ने बालू घाट की बंदोबस्ती तक नही की है। जिससे राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। पूरे प्रदेश में सरकार के संरक्षण में अवैध बालू, पत्थर एवं खनिज संपदाओं की लूट मची है। झामुमो-कांग्रेस के विधायक टेंडर मैनेज कर रहे हैं।
घोषणा: किसानों की कर्ज माफी व भूमि अधिकार कानून बनेगा।
हकीकत: किसानों का कृषि ऋण माफ नही हुआ, हेमंत सरकार ने झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 राज्य के आदिवासियों एवं मूलवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने के लिए लेकर आई, जिसका भाजपा ने पुरजोर विरोध किया। इसके साथ ही, रघुवर सरकार में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत मिल रही प्रति एकड़ 5 हजार की प्रोत्साहन राशि को खत्म कर सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया।
घोषणा: आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं पारा शिक्षकों के लिए सेवा, शर्त एवं वेतनमान का निर्धारण किया जाएगा।
हकीकत: कोई निर्णय नही लिया गया, पूर्व की भाजपा सरकार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में 1 रुपये में की जा रही 50 लाख तक जमीन रजिस्ट्री को सरकार गठन होते ही बंद कर दिया गया।
घोषणा: शहीदों के जन्मस्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
हकीकत: धरातल पर कोई ठोस पहल नही, इसके विपरीत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पुर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर में शहीद गणेश हांसदा के प्रतिमा अनावरण में आयोजन समिति को आश्वस्त करने के बाद भी नही आये। यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का शहीदों के प्रति भावना को प्रदर्शित करता है।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली महिलाओं को 2 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा, पेंशन की राशि 1 हजार से बढ़ाकर ढाई हजार करेगें।
हकीकत: अबतक किसी भी परिवार को 2 सौ रुपये की मदद भी प्रतिमाह नही मिली है। इसके साथ ही 1 हजार मिलने वाली पेंशन राशि को ढाई हजार नही किया गया। पेंशन भी समय पर नही मिल रहे। नए जरूरतमंद लोगों को पेंशन स्वीकृति नही मिल रही है।
घोषणा: जनवितरण प्रणाली से चायपति, सरसों तेल, साबुन, दाल भी दिया जाएगा।
हकीकत: जनवितरण प्रणाली से ऐसी कोई भी वस्तु आवंटित नही हो रही है। समय पर राशन नही मिल रहा है, बल्कि अब तो हेमंत सरकार की ओर से मिलने वाली राशन भी पिछले कई महीनों से बंद कर दिया गया है। अभी सिर्फ केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब जनकल्याण योजना से लोगों को राशन मिल रहा है। इनसब पर झारखंड के मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि राज्य में सरकारी योजनाए फेल हो गई हैं, गांव तथा गरीबों तक ना राशन पहुंच रहा है ना पीने का पानी, न बिजली ने गैस चूल्हा। गांवों को भुखमरी की समस्या ने घेर लिया है।
कैंसर पीड़ितों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
हकीकत: मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना से 84 बीमारियों के स्थान पर हेमंत सरकार ने केवल 4 बीमारी को शामिल किया। आयुष्मान भारत योजना में हेमंत सरकार की उदासीनता और संवेदनहीनता के कारण राज्य की जनता को आयुष्मान योजना का पूरा लाभ नही मिल रहा है। राज्य सरकार के अकर्मण्यता के कारण अस्पतालों की मनमानी चलने लगी है। गरीब जनता परेशान है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम, रांची रिम्स सहित पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ रही है।
हर प्रखंड में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा।
हकीकत: इस दिशा में अबतक कोई पहल नही।
पलामू, चाईबासा, गढ़वा, गिरिडीह, दुमका, साहेबगंज एवं देवघर को 25 हजार करोड़ रुपए के लागत से विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित किया जाएगा।
हकीकत: घोषणा को पूर्ण करने की दिशा में कोई प्रस्ताव नही।