जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला रेंज के माकुली से झाटीझरना जानेवाली सड़क पर शुक्रवार शाम करीब छह बजे बाघ देखा गया. झाटीझरना पंचायत के फूलझोर निवासी कीनाराम सोरेन ने इसकी पुष्टि की है. कीनाराम बाइक से घाटशिला के फूलडुंगरी होते हुए शाम में अपने गांव झाटीझरना पंचायत के फूलझोर लौट रहें थे. उन्होंने बताया कि शाम करीब छह बजे वह जैसे ही माकुली के पास घुमावदार मार्ग पर पहुंचे तो अपने से करीब 100 फीट की दूरी पर सड़क पर बाघ को बैठा देखा।
बाघ देखते ही वह डर से कांपने लगे. फिर जान बचाकर बाइक घुमा कर घाटशिला की ओर भागे. अपना गांव नहीं जाकर. डाइनमारी तक लौट कर आया तो वहां झाटीझरना जानेवाले चार-पांच लोग बाइक पर मिले. उन्हें बाघ देखे जाने की बात बतायी. सभी डर गये. काफी देर बाद सभी हाथ में डंडा लेकर धीरे-धीरे आगे बढ़े तब सड़क पर बाघ नहीं था।
फिर सभी डरते-डरते हुए अपने गांव झाटी झरना पंचायत के फूलझोर पहुंचे. माकुली गांव के एक किसान का बैल लापता है. ग्रामीणों और वन विभाग ने आशंका जतायी है कि बैल का शिकार बाघ ने किया है. बैल के अवशेष को ढूंढने के लिए वन विभाग की एक टीम माकुली जंगल में दिनभर घूमती रही, लेकिन न तो अवशेष मिला और न बैल. शाम ढलने के बाद वन विभाग की टीम जंगल से बाहर निकल गयी।
गांवों में बाघ का खौफ…..
बाघ के पदचिन्ह देखे जाने और फिर बाघ देख जाने से लोग दहशत हैं. सीमावर्ती गांव बासाडेरा, डाइनमारी, माकुली, झाटीझरना पंचायत के टेरापानी, फूलझोर, काशीडांगा, भुमरू, श्यामनेगी, मिर्गीटांड़, गाड़ूपानी, डुमकाकोचा के ग्रामीण भयभीत है. उक्त सभी गांव एक ही पहाड़ी श्रृंखला में आते हैं. इस क्षेत्र में पिछले कई दिनों से बाघ विचरण कर रहा है. पहले आमबेड़ा, फिर डुमकाकोचा और फिर बासारेडा में बाघ के पदचिन्ह मिल चुके हैं. माकुली से एक बैल गायब हो गया और आज एक ग्रामीण द्वारा माकुली-झाटीझरना मार्ग पर बाघ भी देखा गया. इससे ग्रामीणों बाघ का खौफ बढ़ता जा रहा तो वन विभाग के बाघ सिरदर्द भी बनता जा रहा है।