मुख्यमंत्री Hemant Soren पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की तलवार लटक रही है। ईडी ने सोमवार को दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की और उनकी BMW कार को जब्त कर लिया।
RANCHI : झारखंड के मुख्यमंत्री Hemant Soren पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की तलवार लटक रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को सोरेन की दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की और उनकी BMW कार को जब्त कर लिया। इस दौरान हेमंत सोरेन वहां मौजूद नहीं थे। सूत्रों के मुताबिक, ईडी को Hemant Soren के करीबियों से जुड़े कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। एयरपोर्ट पर भी ED की टीम मौजूद है और निगरानी रखे हुए है।
Hemant Soren : ईडी की छापेमारी
ईडी की टीम ने सोमवार सुबह 7 बजे सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की। छापेमारी करीब 12 घंटे तक चली। इस दौरान ईडी ने Hemant Soren के आवास से कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। सूत्रों के मुताबिक, ईडी को सोरेन के करीबियों से जुड़े कुछ दस्तावेज भी मिले हैं।
BMW कार जब्त
ईडी ने Hemant Soren की BMW कार को भी जब्त कर लिया है। यह कार सोरेन के नाम पर पंजीकृत नहीं है। यह कार सोरेन के एक करीबी के नाम पर पंजीकृत है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी को शक है कि यह कार बेनामी संपत्ति का हिस्सा है।
गिरफ्तारी की तलवार लटक रही
ईडी की कार्रवाई के बाद से सोरेन की गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी सोरेन को जल्द ही पूछताछ के लिए बुला सकती है। अगर सोरेन ईडी की पूछताछ में सहयोग नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
Hemant Soren का बयान
Hemant Soren ने ईडी की कार्रवाई पर कहा है कि वह ईडी के साथ सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि वह बेकसूर हैं और उन्हें न्याय पर पूरा भरोसा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
ईडी की कार्रवाई के बाद झारखंड की राजनीति गरम हो गई है। विपक्षी दल सोरेन पर हमलावर हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि सोरेन को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
आगे क्या होगा
अब देखना होगा कि ईडी की जांच में क्या सामने आता है। अगर ईडी को सोरेन के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
क्या है जमीन घोटाले का मामला
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले का खुलासा रांची के अफसर अली की गिरफ्तारी के बाद हुआ था। साल 2022 के 4 नवंबर को जमीन के घोटाले में विष्णु अग्रवाल के कई ठिकानों पर ED ने छापेमारी की थी। इसके बाद में तीन बार विष्णु अग्रवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा गया था। जमीन के सभी मामलों के साथ चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद में हेमंत सोरेन का नाम भी सामने आया था। वहीं पुगडू में 9.30 एकड़ खास महल जमीन की खरीद में भी फर्जीवाड़े की बात भी सामने आई थी।