रांची : झारखंड सरकार की महिला सशक्तिकरण योजना “मंईयां सम्मान योजना” में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। इस योजना के तहत केवल महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जानी थी, लेकिन बिहार और पश्चिम बंगाल के करीब 40 पुरुषों ने महिला बनकर सरकारी राशि ले ली।
172 फर्जी लाभुक, जिनमें से 40 पुरुष….
यह फर्जीवाड़ा पूर्वी सिंहभूम जिले के छोलागोड़ा गांव में जांच के दौरान सामने आया। प्राथमिक जांच में ही 172 फर्जी लाभुक पाए गए, जिनमें से 40 पुरुष हैं। सभी ने झारखंड की निवासी महिलाएं बनकर आवेदन किया था।
दर्ज किया गया एफआईआर…..
गालूडीह थाना में पंचायत सचिव मंगल टूडू के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई। जांच में सामने आया कि 40 पुरुष, जो कि बिहार के ठाकुरगंज और पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के निवासी हैं, उन्होंने खुद को छोलागोड़ा गांव का निवासी बताकर (Maiya Samman Yojana) योजना का लाभ लिया। एफआईआर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर दर्ज हुई है। जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर बीएन सिंह को सौंपा गया है।
सॉफ़्टवेयर फॉल्ट और सरकारी लापरवाही….
इस योजना की शुरुआत अगस्त 2024 में हुई थी। आवेदन प्रक्रिया एक प्राइवेट सॉफ्टवेयर कंपनी के ज़रिए संचालित की गई। दस्तावेजों की जांच पंचायत सचिव को करनी थी, लेकिन कई आवेदन बिना उचित सत्यापन के ही पास हो गए। जब आधार से लिंक्ड बैंक खाता अनिवार्य किया गया और भौतिक सत्यापन शुरू हुआ, तभी यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
सरकारी राशि की लूट……
इन फर्जी लाभुकों ने मईया सम्मान योजना के तहत हजारों से लेकर लाखों रुपये तक की राशि हड़प ली। अब पूरे राज्य में लाभुकों का पुनः सत्यापन किया जाएगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
फर्जी लाभ लेने वाले पुरुषों की सूची में शामिल कुछ नाम…..
बिहार (ठाकुरगंज) : सताबुल आलम, मशरफ अली, मोतिन, फजलुद्दीन, इस्लामुद्दीन, महबूब आलम, मो. ताहिर आलम आदि।
पश्चिम बंगाल (उत्तर दिनाजपुर): हमीदूर रहमान, फारुख आजम, अशरफुल आलम, समर अली, नूर आलम, जमीरुल हक, आदि
इस घोटाले ने सरकार की डिजिटल योजनाओं की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंईयां सम्मान योजना में इस तरह की लापरवाही से ना सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी हुई, बल्कि जरूरतमंद महिलाओं का अधिकार भी छीना गया।
