रांची: सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की डबल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को बदल दिया है. हाईकोर्ट ने दो साल की सजा को एक साल की सजा में बदल दिया है. कोर्ट के इस फैसले के साथ ही पूर्व विधायक अमित महतो अब राज्य में किसी भी अनारक्षित सीट से चुनाव लड़ने के लिए योग्य बन गए है. दरअसल, अमित महतो समेत अन्य ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. वहीं, सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी आलोक कुमार ने सजा बढ़ाने की मांग की थी.
क्यों चली गयी थी अमित महतो की सदस्यता?
मार्च 2018 में रांची की निचली अदालत ने अमित महतो को दो साल की सजा सुनाई थी. तब वह सिल्ली से झामुमो के विधायक थे. उनपर 45-45 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था. अमित महतो पर जून 2016 में सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी के साथ मारपीट, गाली-गलौज और सरकारी काम में बाधा डालने का दोषी पाया गया था. उस मामले में अमित महतो समेत अन्य सात लोगों को भी दोषी मानते हुए सजा सुनाई गयी थी. हालांकि उसी वक्त अमित महतो को जमानत भी मिल गयी थी. अमित महतो की सदस्य्ता जाने के बाद उनकी पत्नी ने सिल्ली से उपचुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो से चुनाव हार गयी थी.