निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैझारखंड : गिरिडीह लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. जयराम महतो व उनके समर्थकों पर दर्ज नगड़ी थाना में मामले में जयराम महतो व उनके अन्य समर्थकों की मुश्किलें बढ़ा दी है. जयराम महतो बीते एक मई को गिरिडीह लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दर्ज किया था. जिसके बाद गिरिडीह निर्वाचन विभाग द्वारा उनके प्रस्तावक के हस्ताक्षर को संदेहास्पद होने की बात पर नोटिस जारी कर सात मई को जयराम महतो व उनके प्रस्तावक को वैध पहचान पत्र के साथ उपस्थित होने का नोटिस जारी किया है.
रांची पुलिस ने किया था गिरफ्तार
ज्ञात हो कि नगड़ी थाने में दर्ज मामले को लेकर जयराम महतो को बीते एक मई को रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस द्वारा जयराम महतो को सभा संबोधित करने को लेकर करीब दो घंटों की मोहलत दी गई थी. जिसके बाद जयराम महतो फरार बताये जा रहे हैं. जयराम महतो अभी कहां हैं, उनकी आगे की रणनीति क्या है कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है. जयराम महतो की मुश्किलों को देखते हुए वैकल्पिक चेहरे की तलाश भी तेज हो गई है. गिरिडीह संसदीय क्षेत्र से दो नामांकन पत्र की खरीदारी की गई है. एक नामांकन पत्र बलियापुर से जिला परिषद ऊषा महतो के नाम पर खरीदी गई है. जबकि दूसरा नामांकन पत्र छात्र नेता पूजा महतो के नाम पर ली गई है. हालांकि यह साफ नहीं है कि जयराम महतो के अखाड़े से हटने के बाद पार्टी किसके चहरे पर गिरिडीह लोकसभा से चुनाव लड़ेंगी. जबकि जेबीकेएसएस का दावा है कि आने वाले कुछ दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी. कोशिश अभी भी जयराम महतो को ही अखाड़े में उतारने की है.
जमानत का प्रयास भी जारी
इधर नगड़ी थाने में दर्ज मामले को लेकर जमानत का प्रयास भी जारी है. लेकिन मुश्किल इस बात की है कि कहीं जयराम महतो का नामांकन ही खारिज न हो जाये. इसी संकट कालीन स्थित के लिए दो नामांकन पत्र की खरीदारी की गई है. दरअसल दो नामांकन पत्र खरीदारी करने के पीछे भी एक वजह है. जयराम महतो की गैरमौजूदगी में संगठन की पहली पसंद पूजा महतो है. लेकिन मुश्किल यह है कि पूजा महतो पर कई मामले दर्ज हैं. जिसके कारण दो नामांकन पत्र की खरीदारी की गई है. पूजा महतो स्नातक की छात्रा है जो बेरमो की रहने वाली है. लेकिन पढ़ाई लिखाई के साथ समाजिक आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाती रहीं हैं. पूजा महतो के ऊपर भी लगभग दो मामले दर्ज हो चुके हैं . जबकि बलियापुर से ऊषा महतो जिला परिषद सदस्य हैं. उनके पास सियासत का एक हद तक अनुभव है. इस हालत में देखना होगा की गिरिडीह के अखाड़े में किसकी इंट्री होती है. जयराम महतो ही मोर्चा संभालते हैं या फिर पूजा महतो व ऊषा महतो में से किसी एक की किस्मत खुलती है.