पलामू : निर्वाचन आयोग द्वारा हर वर्ष मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने व सुधार के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है। लेकिन इसमें लगे कर्मियों की लापरवाही कहें या फिर टेबल वर्क कई मतदाताओं के नाम, पिता का नाम, पता व उम्र में त्रुटियां सुधर ही नहीं पाती हैं। कुछ यही हाल गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड के डुमरसोता गांव निवासी रविशंकर शुक्ल के साथ हुआ है। उनकी मतदाता पहचान पत्र को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के शैक्षणिक व सरकारी दस्तावेज में उम्र 62 वर्ष है।
लेकिन मतदाता पहचान पत्र व मतदाता सूची में उनकी उम्र 123 वर्ष दर्ज कर दी गई है। मतदाता पहचान पत्र में रवि शंकर मिश्रा की जन्म तिथि 1900 ईस्वी दर्ज है। इसे लेकर रवि शंकर मिश्रा ने बताया कि चुनाव आयोग का फार्म संख्या-आठ भरकर वे सुधार कराने के लिए आनलाइन व आफलाइन आवेदन दे चुके हैं। से संबंधित बीएलओ व प्रखंड के कर्मचारियों के माध्यम से आवेदन देने के बावजूद भी सुधार करने की प्रक्रिया नहीं की जा रही है। इसे लेकर वे विगत एक दशक से परेशान हैं। रवि शंकर मिश्रा ने बताया कि मेरे पास उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार तथा आधार कार्ड में अंकित है।
उनके मतदाता पहचान पत्र संख्या एफएलजे 0364880 में भाग संख्या-119, नाम रवि शंकर मिश्रा, उम्र-123 वर्ष अंकित है। वे बताते हैं कि आधार कार्ड व पहचान पत्र में अलग-अलग उम्र अंकित होने की वजह से परेशानी हो रही है। समय समय पर सरकार की ओर से आयोजित शिविर में अपनी उम्र से संबंधित दस्तावेज की फोटो कापी जमा कर चुके हैं। उम्र कम करने को लेकर मेरे द्वारा कार्यालय का चक्कर लगाया है। लेकिन उन्हें बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है। मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्य में आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद भी गलती को इस त्रुटि को नजरअंदाज कर दिया जाता है।