चांडिल : दोहरी खनन नीति के खिलाफ क्रशर संचालक एवं हाईवा-डंपर मालिक राज्य सरकार के खिलाफ उग्र तेवर अख्तियार कर लिया है। गिट्टी,बालू एवं ईंट के बंद होने से हाइवा-डंपर एवं ट्रैक्टर के मालिकों को किस्त चुकाने की चिंता सताने लगी है। चांडिल पत्थर उद्योग समिति के अध्यक्ष सुधीर किस्कू के नेतृत्व के एक प्रतिनिधिमंडल एसडीओ रंजीत लोहरा को ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में क्रशर संचालक,हाइवा मालिको ने क्षेत्र की भगौलिक स्थिती को देखते हुए खनन नीति की नियमावली को सरल करने की मांग की।
क्रशर संचालकों ने कहा की गिट्टी,बालू एवं ईंट का कारोबार बंद होने से क्षेत्र में मजदूरों के समछ परिवार की भरण-पोषण की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि झारखंड खनिज संपदा के मामले में अव्वल राज्य है परंतु गलत नीति के कारण राज्य से मजदूर पलायन करने को विवश है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा की राज्य सरकार बड़ी- बड़ी कंपनियों को वन भूमि पर एनओसी दे रही है तथा छोटे- छोटे क्रशर उद्योगों पर शिकंजा कस रही है। क्रशर, बालू और ईंट के बंद होने से विकास कार्य भी प्रभावित हो रही है।समय रहते सरकार कोई कदम नहीं उठाती है तो आने वाले समय मे स्थिति भयावह हो सकती है।कभी अनुमंडल क्षेत्र में तीन सौ क्रशर उद्योग था जो अब घटकर मात्र दो दर्जन रह गये है।तथा दो दर्जन माइंस था जो अब बंद हो चुकी है।